Ranchi : रांची नगर निगम की सोमवार को बुलाई गयी निगम परिषद की बैठक शुरु होते ही हंगामा हो गया. दरअसल बैठक जैसे ही शुरू हुई निगम के आला अधिकारी उसमें उप नगर आयुक्त कुमार सिंह चौहान, सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार और शीतल कुमारी शामिल हैं, ये तीनों काला बिल्ला लगाकर मंच पर रखे कुर्सी में बैठे. उन्होंने बैठक की शुरुआत में ही नगर आयुक्त को ज्ञापन पढ़ कर सुनाया. जिसमें लिखा था कि मेयर ने पिछले दिनों उनके खिलाफ जो आपत्तिजनक और असंवैधानिक भाषा का प्रयोग किया है, उसकी वह घोर निंदा करते हैं. इससे आगे कहा कि हालांकि वह बैठक का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे अपने अपमान को देख बोर्ड बैठक में उपस्थित नहीं होंगे. उसके बाद बोर्ड बैठक काफी हंगामेदार हो गया. हंगामे के दौरान ही बिना किसी नतीजा के ही निगम बोर्ड की बैठक खत्म हो गयी.
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देखें निगम बोर्ड की बैठक कैसे रही हंगामेदार
मेयर, डिप्टी मेयर, BJP पार्षद धरना पर
निगम बोर्ड की बैठक हंगामे के साथ अंततः खत्म हो गई. बैठक के बीच में जब अधिकारियों को बुलाया गया तो अधिकारी मेयर आशा लकड़ा से क्षमा मांगने की मांग कर रहे थे. इस बीच एक पार्षद नजीमा रजा ने अधिकारियों का समर्थन किया, तो सभी पार्षद विरोध में उतर गए. स्थिति ये बन गयी कि कुछ को छोड़ कर सभी पार्षद, मेयर, डिप्टी मेयर निगम के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए हैं. सभी नगर विकास सचिव, नगर विकास मंत्री को निगम बुलाने की मांग कर रहे हैं.
इससे पहले मेयर आशा लकड़ा लगातार अपने अधिकारों के हनन की बात करती रही. जिस पर नगर आयुक्त ने भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने विरोध कोई नया नहीं किया है, उनकी मांग पिछले कई दिनों से थी. इससे आगे नगर आयुक्त ने कहा कि जिस तरह से उनके खिलाफ आपत्तिजनक बात की गयी है, इसके खिलाफ उन्होंने मुख्यमंत्री नगर विकास सचिव को भी ज्ञापन सौंपा है. इसके बाद निगम के सभी पार्षद हंगामा करने लगे. सभी पार्षद निगम में ताला बंदी की मांग करने लगे. इसी दौरान हंगामा होता रहा और सभी पार्षद नगर आयुक्त से मांग करने लगे, कि वे अधिकारियों को बोर्ड बैठक में शामिल होने के लिए समझाएं.
नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि विरोध करने वाले अधिकारी बैठक का बहिष्कार नहीं कर रहे ,बल्कि मेयर के अमर्यादित व्यवहार से दुखी हैं. उनकी आपत्ति मेयर के दिये आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर है. हालांकि नगर आयुक्त ने ये भी कहा कि वे एक बार फिर अधिकारियों को जाकर समझाने का प्रयास करेंगे कि वे बोर्ड बैठक में उपस्थित हों.
इसके बाद नगर आयुक्त ने अधिकारियों से बात करने के साथ मेयर और डिप्टी मेयर से भी अधिकारियों से बात कर उन्हें बैठक मैं आने की पहल करने की अपील की. वहीं नगर आयुक्त के समझाने के बाद मेयर के बर्ताव से दुखी विरोध करने वाले आधिकारी बैठक में शामिल हुए. लेकिन हंगामा होता रहा और हंगामें के बीच ही बोर्ड की बैठक खत्म हो गयी.
मेयर के बर्ताव से दुखी हुए अधिकारी
यहां बता दें कि पिछले दिनों मेयर आशा लकड़ा ने जिस तरह से RMC के अधिकारियों के लिए अमर्यादित व असंवैधानिक भाषा का उपयोग किया था. उससे दुखी सभी पदाधिकारियों ने निगम बोर्ड की बैठक की शुरुआत में ही आशा लकड़ा का विरोध किया और साथ ही काला बिल्ला लगाकर मौजूद हुए.
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