New Delhi : भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. चुनावी बांड पर फैसले का हम सम्मान करते हैं. भाजपा ने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, चुनावी बॉन्ड योजना एक बहुत ही प्रशंसनीय उद्देश्य के लिए लायी गयी थी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
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#WATCH | Delhi: On the Supreme Court’s verdict on the Electoral Bond scheme, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, “… The Electoral Bond Scheme was brought in for a very laudable objective- to bring in transparency in electoral funding, and to reduce the inflow of cash during… pic.twitter.com/KbboRftXWh
— ANI (@ANI) February 15, 2024
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दानकर्ता भी गोपनीयता चाहते थे
श्री प्रसाद ने कहा कि चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाने और चुनाव के दौरान नकदी के प्रवाह को कम करने के लिए यहां तक कि दानकर्ता भी गोपनीयता चाहते थे. यह एकमात्र प्रयास नहीं है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए किया था. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फैसला सैकड़ों पृष्ठों का है और पार्टी द्वारा सुनियोजित जवाब देने से पहले व्यापक अध्ययन की जरूरत है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने चुनाव के लिए चंदे की व्यवस्था में सुधार के प्रयास किये हैं और चुनावी बॉन्ड जारी करना इसी कदम का हिस्सा है.
जिन दलों का डीएनए भ्रष्टाचार पर आधारित है, उन्हें भाजपा पर ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए
चुनावी बॉन्ड को मोदी सरकार कीकाला धन सफेद करने की योजना बताये जाने के कांग्रेस के आरोप पर उन्होंने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि जिन दलों का डीएनए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर आधारित है, उन्हें भाजपा के खिलाफ ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए. चुनावी बॉन्ड द्वारा विपक्षी दलों को चुनाव में समान अवसर देने से वंचित करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कौन मैदान में है और कौन मैदान से बाहर है, यह जनता तय करती है.
इस क्रम में भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने आज गुरुवार को कहा कि चुनावी बांड का उद्देश्य चुनाव वित्तपोषण में पारदर्शिता लाना था. भाजपा की यह प्रतिक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद आयी है.
उच्चतम न्यायालय के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए
कोहली ने पीटीआई से कहा, हम अदालतों में वकालत करते हैं और रोजाना मामले जीते और हारे जाते हैं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया, लेकिन जो राजनीतिक दल इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, वे मुख्य रूप से इस आधार पर ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मोदीजी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किये गये सकारात्मक कार्यों का कोई जवाब या विकल्प नहीं है, जिनसे करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं.
भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है
कोहली ने कहा कि भारत अब 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ये राजनीतिक दल खुद ऐसी स्थिति में हैं कि जिस गठबंधन को वे बनाने की कोशिश कर रहे थे, वह लगभग खत्म हो रहा है, यह अपने पैरों पर खड़ा होने से पहले ही खत्म हो गया है. उन्होंने कहा, इसलिए इसका राजनीतिकरण करने का उनका कारण बहुत स्पष्ट है. कोहली ने कहा कि सरकार चुनावों में काले धन के इस्तेमाल के मुद्दे के समाधान के लिए चुनावी बॉन्ड योजना लायी थी. भाजपा नेता ने कहा, सबसे बड़ा परिप्रेक्ष्य यह है कि यह कई दशकों से चिंता का एक विषय रहा है कि काले धन या धन को चुनावी प्रक्रिया में आने से कैसे रोका जाये.
शीर्ष अदालत ने कहा है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित जानकारी बाहर आनी चाहिए
उन्होंने कहा, चंदा देने वालों की पहचान को ध्यान में रखते हुए एक (चुनावी बॉन्ड) योजना आयी.. उच्चतम न्यायालय ने माना है कि इस प्रारूप में यह योजना नहीं हो सकती थी. इसलिए, इसने कुछ निर्देश पारित किये हैं. कोहली ने कहा कि शीर्ष अदालत ने मूल रूप से आज कहा है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित जानकारी बाहर आनी चाहिए. उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार करना होगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार के साथ-साथ सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है.
न्यायालय ने मोदी सरकार की काला धन सफेद करने की योजना रद्द कर दी : खड़गे
शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को आदेश दिया कि वह निर्वाचन आयोग को छह साल पुरानी योजना में योगदान देने वालों के नामों का खुलासा करे. विपक्षी दलों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि न्यायालय ने मोदी सरकार की काला धन सफेद करने की’ योजना को रद्द कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और उच्चतम न्यायालय की बात सुनेगी ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहें.