Ranchi : झारखंड में अनुबंध पर नियुक्ति हुए कर्मियों के स्थायीकरण का भारी विरोध शुरू हो गया है. विभिन्न आदिवासी संगठनों ने सोमवार की शाम में एक विरोध मार्च निकाला और अलबर्ट एक्का चौक पर सरकार का पुतला फूंका. कार्यक्रम के माध्यम से कहा कि अनुबंध पर जो भी कर्मी विभिन्न वर्षों में नियुक्त हुए हैं. उसमें एसटी-एससी आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हुआ है. इसके जरिए बिना नियम कानून के भाई-भतीजेवाद के तौर नियुक्तियां हुई है. जिसमें अधिकांश दूसरे प्रदेश के लोग हैं. इसलिए अगर इनका स्थायीकरण किया गया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार इनके स्थायीकरण के बदले बैकलॉग की रिक्तियां चिन्हित करके नयी बहाली शुरू करे, नहीं तो इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा. अगर सरकार फिर भी जिद पर अड़ी रही तो आदिवासी-मूलवासी आर-पार की लड़ाई शुरू करेंगे.
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इससे पूर्व एक जुलूस जयपाल सिंह स्टेडियम से निकाला गया, जो अलबर्ट एक्का चौक तक पहुंची. राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का नेतृत्व बंधन तिग्गा ने किया. कार्यक्रम में राजी पड़हा सरना समिति, केंद्रीय सरना समिति, झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति सहित कई संगठन के लोगों ने हिस्सा लिया. इन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधीन विभिन्न स्तरीय सेवा संवर्ग बैकलॉग हजारों वैकेंसी आरक्षित वर्गों का है. इसलिए इसका आकलन करके इसके विरुद्ध नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए. इस मौके पर डॉ. करमा उरांव, शिवा कच्छप, बलकू उरांव, संगम उरांव, रवि तिग्गा, नारायण उरांव, अमर उरांव, प्रभात तिर्की, रेणु तिर्की, रायमुनी किस्पोट्टा, सुमन खलखो, निर्मल पाहन, रंजीन उरांव, अस्मितमन तिर्की, अर्पित तिर्की सहित कई आदिवासी नेताओं ने हिस्सा लिया.
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