– 28.53 करोड़, 57600 रुपये के करीब हर माह दिया जाना है पोषाहार के लिए
– कहीं तीन तो कहीं 9 माह से नहीं मिली पोषाहार की राशि
– 6 दिन अंडा देने की घोषणा की थी राज्य सरकार ने, एक दिन भी नहीं मिला अंडा
– 2019 के बाद से आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को नहीं मिला अंडा
Pravin Kumar
Ranchi: प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था बदहाल है. राज्य के कुल 38432 केंद्रों में से 14484 केंद्रों के पास अपना भवन तक नहीं है. निजी भवनों में चलाए जा रहे इन केंद्रों में शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए प्रतिमाह करोड़ों रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इनमें अकेले पोषाहार के लिए प्रतिमाह लगभग 28.53 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. लेकिन यह राशि भी नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों को नहीं दी जा रही है. कहीं, चार तो कहीं नौ माह से पोषाहार की राशि नहीं दी गई है. वहीं, सरकारी दावों के बावजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में छह दिन अंडे देने की व्यवस्था पर तीन साल बाद भी अमल नहीं किया जा सका है. अंडे की आपूर्ति के लिए तीन साल बाद भी विभाग को सप्लायर नहीं मिल सका है. मंत्री जोबा मांझी फिलहाल अंडे की दर संशोधित करने की बात कह रही हैं. बता दें कि अंडा बांटने के लिए सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 890 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. बहरहाल, आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा कब से दिया जाएगा यह बताने को कोई तैयार नहीं है.
फिलहाल सिर्फ खिचड़ी ही मिल रही
लॉकडाउन से पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को खिचड़ी, सूजी और रेडी टु ईट फूड मिलता था. अब अनेक केंद्रों में सिर्फ हल्दी, चावल और थोड़ी सी दाल मिलाकर बनाई गई खिचड़ी ही दी जा रही है.
सर्वे ने खोली मंत्री जी के विस क्षेत्र की पोल
आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा की स्थिति भी बदल गई है. सिर्फ टीकाकरण के लिए एक दिन आंगनबाड़ी केंद्र खोला जाता है. हाल में महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री जोबा माझी के विधानसभा क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा कुपोषण व आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही सेवाओं की स्थिति का सर्वे किया गया था. सर्वे में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं. मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र का हाल देखकर राज्य के अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा आप ही लगाया जा सकता है.
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट
– 2019 में आखिरी बार 1-2 महीने ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा दिया गया
– 55% आंगनबाड़ी केंद्र ही नियमित रूप से खुलते हैं
– 55% केंद्रों में ही सेविकाएं नियमित रूप से उपस्थित रहती है
– 27% केंद्रों में 3-6 साल तक के बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता बेहतर थी
– 17% केंद्रों में ही बच्चों को नियमित रूप से शिक्षा मिल रही है.
– 44% में बिल्कुल नहीं मिल रही शिक्षा
पश्चिमी सिंहभूम में 5 साल तक के 60% बच्चे कुपोषित
समाजिक कार्यकर्ता सिराज दत्ता कहते हैं कि वर्ष 2019-21 में हुए राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम में पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग 60% बच्चे कुपोषित हैं. 2015-16 के सर्वेक्षण की तुलना में जिले में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है. यही स्थिति लगभग पूरे राज्य की है.
क्या बोलीं मंत्री जोबा माझी
समाज कल्याण मंत्री जोबा माझी ने कहा कि अंडे की दर विभाग द्वारा संशोधित की जा रही है. इसमें संशोधन होने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में अंडा उपलब्ध हो जाएगा. इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. वहीं, विगत तीन जून को नीति आयोग के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित सतत विकास लक्ष्य- 2030 की बैठक में जोबा माझी ने कहा था कि राज्य में 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, लिहाजा मुख्यमंत्री ने इस समस्या से निपटने के लिए 3-6 साल के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी में सप्ताह में 6 अंडे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
पलामू, रांची और धनबाद का सबसे बुरा हाल
राज्य में 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 14484 केंद्रों के पास अपना भवन और शौचालय नहीं हैं. निजी भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाये जा रहे हैं. इस मामले में पलामू, रांची और धनबाद जिलों का सबसे बुरा हाल है. पलामू में 2595 में से 1719 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन व शौचालय नहीं है. रांची में कुल 2832 में से 1207 केंद्र निजी भवनों में चल रहे हैं. वहीं, धनबाद के 2231 में से 1147 के पास अपना भवन नहीं है.
कहां कितने आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना भवन नहीं
जिला कुल केंद्र बिना भवन के केंद्र
बोकारो 2256 1130
चतरा 1124 220
देवघर 1567 485
धनबाद 2231 1147
दुमका 2060 867
पूर्वी सिंहभूम 1722 838
गढ़वा 1330 629
गिरीडीह 2431 715
गोड्डा 1791 456
गुमला 1670 414
हजारीबाग 1770 684
जामताड़ा 1189 492
खूंटी 840 287
कोडरमा 751 130
लातेहार 962 99
लोहरदगा 749 96
पाकुड़ 1167 331
पलामू 2595 1719
रामगढ़ 1042 555
रांची 2832 1207
साहिबगंज 1168 731
सरायकेला 1370 565
सिमडेगा 965 97
प. सिंहभूम 2330 590
कुल 38432 14484
(नोट : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर से संसद में पेश किए गए आंकड़े.)