NewDelhi/Islamabad : भारत में हिंदुत्व को लेकर भाजपा-कांग्रेस में रार जारी है. सलमान खुर्शीद की किताब आने के बाद इस पर लगातार बयानबाजी जारी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंदू धर्म और हिंदुत्व को अलग-अलग बताते हुए भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. राहुल गांधी ने हिंदू धर्म को समावेशी बताते हुए हिंदुत्व को भाजपा की नफरत भरी विचारधारा का हिस्सा करार दे रहे हैं. इस विवाद में अब पाकिस्तान भी कूद गया है.
इसे भी पढ़ें : गुलाम नबी आजाद समेत 20 नेताओं ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, लीडरशिप को लेकर खड़े किये सवाल
पाकिस्तान सक्रिय विदेश नीति का पालन कर रहा है
बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा भारत सरकार की हिंदुत्व विचारधारा से उत्पन्न हुआ है. कहा कि पाकिस्तान एक सक्रिय विदेश नीति का पालन कर रहा है जो राष्ट्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक गतिशीलता के प्रति संवेदनशील है.
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (एनडीयू) में छात्रों के बीच कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान के पास तेजी से बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त लचीलापन और अनुभव है. खबर है कि कुरैशी पाकिस्तान की विदेश नीति और चुनौतियों की रूपरेखा विषय पर चर्चा कर रहे थे. उन्हें सुनने कई मिलिट्री ऑफिसर्स भी वहां मौजूद थे. विश्वविद्यालय से जुड़े कई अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की भी वहां उपस्थिति थी.
इसे भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अगले आदेश तक हाउस अरेस्ट, केंद्र पर लगाया था बड़ा आरोप
दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर
इस क्रम में कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान पर निर्भर है. कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर नतीजे के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत की है. कुरैशी का कहना था कि 5 अगस्त 2019 को कश्मीर मसले पर अवैध एक्शन लेने के बाद पाकिस्तान ने दृढ़ संकल्प के साथ कश्मीर के मुद्दे को दुनिया भर में उठाया है और भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर प्रकाश डालने की कोशिश की है.
पाकिस्तान ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरीडोर खोलने की शुरुआत की
कुरैशी ने कहा कि भारत के उकसावे के बावजूद पाकिस्तान ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरीडोर को खोलने की शुरुआत की. इस प्रयास के साथ ही भारत और दुनिया भर में सिख समुदाय के लोगों को दुनिया के सबसे पवित्र स्थल जाने का वीजा-मुक्त मौका मिला. हमारे सभी प्रयास पीएम इमरान खान के दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जिसमें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, धार्मिक सद्भाव और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान शामिल है.
कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति को बदलते रुझानों के हिसाब से प्रतिक्रिया देनी चाहिए. हमने अपने हितों को सबसे ऊपर रखा है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता सुरक्षित रहे.