कोर्ट के आदेश के बाद तैयारी में जुटा आयोजन समिति
- जिला में कुल पुलिस बल 1300, इसमें 350 गये हैं ट्रेनिंग में और 700 नक्सल अभियान में हैं तैनात
- बाबा को वीवीआईपी का दर्जा, बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम के लिए चाहिए 700 जवान
- बाबा की सुरक्षा में 150 से 200 मजिस्ट्रेट की भी तैनाती करनी पड़ेगी, जिसमें 3-4 आईएएस भी होंगे
Sanjeet Yadav
Palamu : हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री का पलामू के चैनपुर में आगमन को लेकर कई अड़चनें अभी भी है. जिला प्रशासन स्वयं भी कार्यक्रम को लेकर असमंजस की स्थिति में है. कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की सांसे फूल रही है. जिला के एक वरीय अधिकारी के अनुसार सुरक्षा की दृष्टी से बाबा बागेश्वर वीवीआईपी श्रेणी में आते हैं. उन्हें केंद्र सरकार से Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है. उनके कार्यक्रम में लाखों की भीड़ जुटेगी. वहीं पलामू पुलिस के पास बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल नहीं हैं.बाबा की सुरक्षा को लेकर 150 से 200 मजिस्ट्रेट की भी तैनाती करनी पड़ेगी. इन सभी मजिस्ट्रेट में तीन से चार आईएएस अधिकारी भी होंगे. सभी मजिस्ट्रेट आगमी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी लगे हुए हैं और ट्रेनिंग ले रहे हैं. पलामू जिला और पुलिस प्रशासन का मानना है कि बाबा के कार्यक्रम में झारखंड के अलावे दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु लाखों की संख्या में पहुंचेंगे. अधिक भीड़ होने की वजह से विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है. जिस कारण जिला प्रशासन सुरक्षा मुहैया कराने के मामले में कार्यक्रम से पहले ही हांफने लगा है. बाबा के कार्यक्रम को लेकर मुख्य सचिव, डीजीपी, पलामू डीसी और पलामू एसपी लगातार आपस में मंथन कर रहे हैं.
कार्यक्रम को लेकर सरकार और जिला प्रशासन से अब तक नहीं मिला है अनुमति
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के आयोजन को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अब तक अनुमति नहीं मिली है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने का कारण सुरक्षा व्यवस्था बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि बाबा बागेश्वर का दरबार पलामू के चैनपुर और रामगढ़ के बॉर्डर क्षेत्र में लगना है. जो घोर नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है.
जानकारी के अनुसार बाबा बागेश्वर की सुरक्षा में 300 से 500 निजी और सरकारी सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं. पलामू के चैनपुर के सटे रामगढ़ थाना नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, इस वजह से यहां पर करीब 700 से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात करना होगा. लेकिन पलामू में पर्याप्त पुलिस जवान नहीं हैं.
पलामू में 1300 जवानों में 700 नक्सल अभियान में
पलामू पुलिस की मानें तो वर्तमान में पलामू जिले में करीब 1300 पुलिस जवान हैं. इसमें से 350 से अधिक जवान ट्रेनिंग में हैं. जिसको छोड़कर अभी करीब 900 जवान पलामू में तैनात हैं. इसमें से 700 से अधिक जवान नक्सल अभियान में लगे हुए हैं.
10 तारीख को बाबा बागेश्वर महाराज जी नहीं आएंगे : आयोजन समिति
इधर पलामू के चैनपुर में 10 से 15 को प्रवचन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति ने तैयारी कर रही थी. आयोजन समिति के संयोजक अरूणा शंकर ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा जैसे ही कार्यक्रम की अनुमति हम सबको दी जाएगी, हमारी टीम रात दिन एक करके कार्यक्रम को मूर्त रूप देने का काम करेगी. आयोजन समिति के सदस्य दीनानाथ सिंह ने बताया कि 10 तारीख को बाबा बागेश्वर महाराज जी नहीं आएंगे. क्योंकि अभी तैयारी नहीं पूरी हुई है. महाराज जी से मिलकर फिर से समय मांगा जाएगा. उसके बाद ही पलामू में कार्यक्रम तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर हाइकोर्ट का आदेश भी मिल गया है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन को भी आवेदन दिया है. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अभी अनुमति नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि जल्द जिला प्रशासन की तरफ से अनुमति मिलेगी. हम सब आज बाहर से आए एक्सपर्ट के साथ बिजली, पानी, सड़क, शौचालय, पार्किंग, प्रतिदिन एक लाख लोगों हेतु प्रसाद (भोजन) एवं न्यूनतम 2 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं.
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