Ranjit Kumar
Medininagar : पलामू में कड़ाके की ठंड, शीतलहरी एवं बेमौसम बरसात की वजह से किसान एक बार फिर संकट में घिर गये हैं. इधर मौसम विभाग ने भी 23 एवं 24 जनवरी को बारिश की संभावना जतायी है. बे मौसम बरसात से किसान डरे- सहमे है. उनका कहना है कि पिछले कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड एवं कुहासे के कारण सब्जी की फसल को काफी नुकसान हुआ है.आलू में लाही एवं गोभी में झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ गया है. शीतलहरी के कारण सरसों, गेहूं और धान की फसल जिसमें फूल लगे हुए हैं, उन पर यह मौसम कहर बरपा रहा है. इससे फूल के झड़ने और खराब होने का खतरा बढ़ गया.
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बारिश हुई तो नुकसान उठाना पड़ेगा
कृषि के जानकारों का कहाना है कि इस बीच यदि बारिश होती है तो किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ेगा. खेतों में जलजमाव हो जाएगा. जिससे आलू की फसल बर्बाद हो जाएंगी. अब किसानों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि फसल को कैसे बचाएं. अक्सर यह देखा गया है कि बारिश के बाद ठंड बढ़ती है. ऐसे में पाले का खतरा ज्यादा होता है और सब्जी की खेती को काफी नुकसान पहुंचता है.
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पत्तेदार सब्जियों पर पाले का अधिक असर
कृषि विज्ञानिक राजीव कुमार ने बताया कि बढ़ती ठंड व कुहासे के कारण किसान पहले से ही चिंता जता चुके हैं. यदि बारिश होती है तो फसलों को काफी नुकसान होगा. वह बताते हैं कि पत्तेदार सब्जियों पर पाले का असर अधिक है होता है. उन्होंने कहा कि फसलों पर सिंचाई से मिट्टी का तापमान थोड़ा बढ़ाया जा सकता है और समय-समय पर खर- पतवार को भी हटाना होगा. हालांकि एक फायदा जरूर है कि ठंड से फसलों पर लगने वाले कीड़े समाप्त हो जाते हैं. उन्होंने किसानों से आगाह किया है कि किटनाशक कि प्रयोग न करें. इस मौसम में किसानों को अपनी खेती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है तभी फसल वह बचा पाएंगे.