Sanjet Yadav
Palamu: पलामू में कभी राजद काफी मजबूत हुआ करता था. नब्बे के दशक में जब बिहार से झारखंड अलग नहीं हुआ था तब पलामू के पांचों विधानसभा सीट पर पार्टी की अच्छी पकड़ थी. छतरपुर, डाल्टनगंज, पांकी, हुसैनाबाद और बिश्रामपुर में राजद काफी मजबूत स्थिति में हुआ करता था. लालू यादव के नेतृत्व में पांचों सीट पर राजद प्रत्याशी जीतते थे.
झारखंड निर्माण के बाद हालात बदलने लगे. साल 2000 से लेकर 2010 के बाद पार्टी छतरपुर और हुसैनाबाद में सिमटकर रह गई. फिर 2020 में छतरपुर और हुसैनाबाद विधानसभा सीट भी राजद के हाथ से निकल गया. देखा जाय तो पलामू में राजद ढ़लान पर है.
राजद के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो पार्टी की इस स्थिति के जिम्मेदार स्थानीय नेता हैं. प्रदेश के नेता कभी 2010 के बाद से जमीन पर उतरे ही नहीं. केवल ऑफिस से बैठकर प्रेस रिलीज करते रहे. वे सालभर जिला अध्यक्ष बनाने में ही लगे रहते हैं.
यही वजह है कि पलामू में राजद के अस्तित्व पर संकट गहराता जा रहा है. वरिष्ठ नेताओं के अनुसार साल 2020 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक राजद के चार जिला अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. इससे पार्टी को कोई लाभ नहीं हुआ है.
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बता दें कि कि 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले राजद के जिला अध्यक्ष शंकर यादव पूर्व सांसद मनोज भुइयां के साथ राजद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे. उसके बाद 2020 विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले प्रमोद यादव को जिला अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन इससे भी पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ.
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फिर 2020 में बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान रामनाथ चंद्रवंशी को तीसरा जिला अध्यक्ष रात में बनाया गया और सुबह हटा भी दिया गया. इसके बाद रामनाथ कई दलों में गये फिर लौट आये. अब चौथा जिला अध्यक्ष शिव प्रसाद मेहता को बनाया गया है. उनके सामने कई तरह की चुनौतियां हैं. वे कितने सफल होंगे, यह वक्त ही बतायेगा.
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