Palamu : जिले के पाटन प्रखंड अंतर्गत हिसरा बरवाडीह पंचायत में संचालित मनरेगा कार्य में अनियमितता का मामला सामने आया है. उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने मनरेगा नियम के विरुद्ध कार्य करने वाले ग्राम रोजगार सेवक सत्येंद्र कुमार, कनीय अभियंता गंगा पासवान, सहायक अभियंता अमरेंद्र कुमार और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रणधीर कुमार जायसवाल की संविदा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है. साथ ही उपायुक्त ने पंचायत सचिव अभिषेक कुमार को निलंबित करते हुए इनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देशित किया है.
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बनाना था 5 पशु शेड, बना दिया 401 पशु शेड
मनरेगा आयुक्त के निर्देश आलोक में प्रति पंचायत 5 पशु शेड की योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाना था, परंतु हिसरा बरवाडीह पंचायत में बीपीओ ने 401 पशु शेड की योजना को स्वीकृति दी. इस संबंध में उपायुक्त दोड्डे को कई माध्यमों से शिकायत मिली थी. इसके बाद उपायुक्त ने प्रशिक्षु आईएएस से पूरे मामले की जांच करायी. जांच में बीपीओ के विरुद्ध सभी आरोप सही पाए गए. जांच रिपोर्ट आने के बाद उपायुक्त ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रणधीर कुमार जायसवाल की संविदा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की करवाई की.
पाटन मुखिया पर एफआईआर दर्ज
पाटन मुखिया पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं पंचायती राज विभाग को मुखिया की वित्त शक्ति जब्त करने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है. जांच के क्रम में पाया गया कि हिसरा बरवाडीह पंचायत में उक्त सभी योजनाओं का कार्यान्वयन ग्राम पंचायत स्तर से किया जा रहा है तथा सभी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मुखिया द्वारा प्रदान की गयी है. साथ ही द्वितीय हस्ताक्षरी के रूप में राशि का भुगतान करने के लिए भी ये सीधे जवाबदेह है. इसके बाद पाटन थाने में मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
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राशि वसूलने की तैयारी
मनरेगा राशि की अनियमितता करने वालों से राशि वसूलने की तैयारी की जा रही है. उपायुक्त ने पाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज तिवारी को हिसरा बरवाडीह पंचायत अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत/कार्यान्वित कुल 401 पशु शेड की सभी योजनाओं का स्थलीय सत्यापन कर 15 दिनों के भीतर योग्य तथा अयोग्य लाभुकों को चिन्हित करने के पश्चात मनरेगा कोषांग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया है. ताकि अयोग्य पाए गए लाभुकों के पशु शेड की योजना को रद्द किया जा सके. साथ ही अयोग्य पाये गये लाभुकों को की गई भुगतान की राशि की वसूली दोषी कर्मियों से की जा सके.