Palamu: पलामू जिले के पांकी प्रखंड के सगालीम स्थित झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक से एक बार फिर फर्जी तरीके से पैसे की निकासी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. पांकी प्रखंड के हुरलौंग गांव निवासी सुरेश मोची, पिता स्वर्गीय पुरन मोची के खाते से 1 लाख 40 हजार की फर्जी निकासी की गई है. भुक्तभोगी ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक व साइबर क्राइम थाने को लिखित आवेदन देकर कहा है कि, बैंक प्रबंधक व कर्मचारियों की मिलीभगत से उनके खाते से एक लाख चालीस हजार रुपये की फर्जी निकासी की गई है.
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केस दर्ज, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं !
भुक्तभोगी सुरेश मोची द्वारा मेदिनीनगर साइबर क्राइम थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के दो महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. भुक्तभोगी ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने व पैसा वापस दिलाने की गुहार लगाई है. साइबर क्राइम थाना में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि, बेटी के शादी के लिए सगालीम झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के खाता में पैसा जमा किया था. किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा सीएसपी केंद्र के द्वारा अंगूठा लगाकर 14 बार में एक लाख चालीस हजार रुपए की निकासी कर ली गई है. दिनांक 03.05.2020 से 29.06.2020 तक 40 हजार, 17.06.2020 से लेकर 22.06.2020 तक 40 हजार एवं 27.08.2020 से लेकर 10.09.2020 तक 60 हजार की निकासी की गई है. कुल 1 लाख चालीस हजार की निकासी किया गई है.
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बैंक प्रबंधन पर मिलीभगत का आरोप
भुक्तभोगी सुरेश मोची ने आरोप लगाया है कि, बैंक प्रबंधक व कर्मचारियों की मिलीभगत से खाते से फर्जी पैसे की निकासी किया गया है. भुक्तभोगी सुरेश मोची ने बताया कि बैंक में जब पैसे की निकासी व जमा करते थे तो बैंक द्वारा पासबुक को अपडेट नहीं किया जाता था. जब पासबुक को अपडेट कराया गया तो पासबुक देख वे हैरान रह गए. उसने तत्काल खाता से फर्जी पैसे निकासी किए जाने की जानकारी बैंक प्रबंधक को दी. लेकिन बैंक प्रबंधक पूरे मामले को टाल मटोल करने लगा. काफी प्रयास के बाद बैंक द्वारा स्टेटमेंट निकाला गया. जिसमें पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आधार सिस्टम से अंगूठा लगाकर सीएसपी केंद्र से एक लाख चालीस हजार की निकासी की गई है.
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बैंक प्रबंधन के कार्य-प्रणाली पर सवाल ?
पैसा कैसे सीएसपी केंद्र से और कौन व्यक्ति निकाला है, इसके बारे में बैंक द्वारा कोई जानकारी नहीं दिया गया. बैंक द्वारा सिर्फ बताया गया कि साइबर क्राइम द्वारा पैसे की फर्जी निकासी की गई है. सवाल उठता है कि खाता आधार से लिंक होता है. ऐसे में किसी दूसरा व्यक्ति आधार सिस्टम के द्वारा अंगूठा लगाकर पैसे की कैसे निकासी कर सकता है. कहीं ना कहीं खाता से आधार लिंक करने में बैंक द्वारा लापरवाही बरती गई होगी. हालांकि भुक्तभोगी सुरेश मोदी ने साफ कहा है कि, उनके खाता में उनका आधार लिंक नहीं था. बैंक उनके खाते को किनके आधार से लिंक किया है. यह जानकारी बैंक नहीं दे रहा है. इसे स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं बैंक प्रबंधन व कर्मचारियों की मिलीभगत से इतनी बड़ी राशि की निकासी हुई है.
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बैंक की लापरवाही या धांधली ?
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक शाखा सगालीम में आधार से खाता लिंक करने में बैंक प्रबंधक व कर्मचारी द्वारा अनियमितता बरती गई है. बैंक में कई खाता धारकों का आधार दूसरे व्यक्ति को लिंक कर दिया गया है. जिससे कई लोग इसके शिकार हो चुके हैं. हाल के दिनों में एक व्यक्ति के खाते से दूसरे व्यक्ति ने आधार के द्वारा पैसे की निकासी कर ली. बैंक में ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. सगालीम झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक हमेशा सुर्खियों में रहा है. चार माह पहले इसी बैंक द्वारा मुर्दे को पेंशन का भुगतान किया गया था. कई लोगों ने बताया कि बैंक में दलाल व बिचौलिए हावी हैं.
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क्या कहता है बैंक प्रबंधन ?
इस बाबत बैंक प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया कि, साइबर अपराधियों द्वारा सुरेश मोची के खाते से पैसे की निकासी की आशंका है. बैंक द्वारा पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई है. जांच में पता चला है कि, किसी सीएसपी केंद्र द्वारा आधार सिस्टम से अंगूठा लगाकर पैसे की निकासी की गई है.
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