Medininagar (Palamu) : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नयी दिल्ली के तत्वावधान में तथा झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सोमवार को ऑनलाइन जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अरविंद कच्छप ने कहा कि बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाना है ताकि लड़के और लड़की में किया जाने वाला भेदभाव खत्म हो.उन्होंने शिशु प्रोजेक्ट, लीगल लिटर्रेशी क्लब,लीगल कैडेट कॉप्स ,फ्रेंडली लीगल सर्विस टू चिल्ड्रेन एन्ड देयर प्रोटेक्शन स्कीम आदि के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही कहा कहा गया कि लिंग परीक्षण गैरकानूनी होने के बावजूद आज भी हमारे देश में लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या के मामले काफी ज्यादा हैं. उन्होंने कहा कि लड़कियां भले ही हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं.लेकिन उनके साथ भेदभाव होता है. उन्हें घरेलू कामकाज तक सीमित रखा जाता है. उन्होंने कहा कि बालिका शिशु के साथ भेदभाव एक बड़ी समस्या है.जो कई क्षेत्रों में फैली है. जैसे शिक्षा में समानता, पोषण, कानूनी अधिकार,चिकित्सीय देखरेख, सुरक्षा, सम्मान,बाल विवाह आदि.उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका विकास मिशन के रूप में राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस मनाने की शुरुआत की गयी है. इससे लड़कियों की उन्नति के महत्व के बारे में पूरे देश के लोगों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देगा.
इसे भी पढ़ें- धनबाद : राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 को, वर्चुअल मोड़ में होगा समारोह
कानूनी अधिकारों से अवगत होना जरूरी है
प्रशिक्षण के दौरान डालसा के रिटेनर अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि जीवन की हर सच्चाई और कानूनी अधिकारों से अवगत होना सभी के लिये जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि हमारे देश में महिला साक्षरता दर अभी भी लगभग 54 प्रतिशत है. युवा लड़कियों का एक तिहाई हिस्सा कुपोषित है.रिमांड अधिवक्ता सन्तोष कुमार पांडेय ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बच्चों के परिचित उनके परिवार के सदस्य और दूर के रिश्तेदार ही उनको बहला फुसलाकर और उन्हें लालच देकर उनका यौन शोषण करते हैं.ऐसे में बच्चों पर शुरू से ही ध्यान देना जरूरी है. साथ ही उन्हें गुड़ टच व बैड टच के बारे में जानकारी देना जरूरी है.
इसे भी पढ़ें-सिद्धू को सरकार में मंत्री बनवाने के लिए पाकिस्तान के पीएम का मैसेज आया था : कैप्टन अमरिंदर सिंह
गुड़ टच और बैड टच के फर्क को समझिये
गुड़ टच बैड टच के फर्क को समझाए तो इससे इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर आपको टच करे और उससे आपको अच्छा लगे तो ये गुड़ टच होता है. और कोई इस तरह टच करे कि आपको उससे बुरा लगे तो ये बैड टच होता है. कोई ब्यक्ति प्राइवेट पार्टस गलत तरीके से छुने की कोशिश करे तो यह बैड टच होता है. मास्टर ट्रेनर प्रकाश रंजन ने कहा कि बालिका दिवस मनाने से बहुत हद तक लोगों में जागरूकता आयी है. उन्होंने कहा कि एक दौर था जब लोग बेटियों को कोख में ही मार दिया करते थे. बेटियों का जन्म हो भी गया तो बाल विवाह की आग में धकेल देते थे. बेटियों और बेटों में भेदभाव उनके साथ होने वाले अत्याचार किया जाता था.उन्होंने कहा कि बेटियों को देश की प्रथम पायदान पर लाने के लिए कई योजनाएं और कानून लागू किए गए हैं.
इसे भी पढ़ें-रामगढ़: पुलिस ने तीन किलो गांजे के साथ दो तस्करों को किया गिरफ्तार
बेटियों को सशक्त बनाने के लिये काम करना होगा
इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने की भी शुरुआत की गयी है. उन्होंने कहा कि देश की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि बालिका दिवस मनाने की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हर बालिका शिशु को उचित सम्मान और महत्व दिया जाए.साथ ही हर बालिका शिशु को उनके सभी मानव अधिकार मिले.बाल लिंगानुपात के खिलाफ कार्य करना होगा. साथ ही बालिका शिशु के बारे में लोगों की सोच बदलनी होगी. उन्होंने कहा कि बालिका के स्वास्थ, समान, शिक्षा, पोषण आदि से जुड़े मुद्दों के बारे में भी चर्चा करनी होगी. वहीं भारत में लोगों के बीच लिंग समानता का प्रचार करना होगा.उन्हें कहा कि गर्भावस्था में लिंग पता करने को सरकार द्वारा गैरकानूनी करार दिया गया है. बाल विवाह निषेध है. उन्होंने कहा कि बालिका शिशु को बचाने के लिए सरकार द्वारा बालिका शिशु को बचाओ योजना की शुरुआत की गयी. उन्होंने कहा कि बच्चों को यूनिफॉर्म, दोपहर का खाना, शैक्षणिक वस्तु दी जाती है तथा एससी एसटी जाति के लड़कियों के परिवारों को धनवापसी की जाती है. इस मौके पर कस्तूरबा विद्यालय ,संत जेवियर स्कूल,केजी स्कूल के अलावे विभिन्न उच्च विद्यालयों के सौकड़ों छात्राएं मौजूद थी.