Ranchi: ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किये गए उत्पादों यानी “पलाश” ब्रांड का उपयोग झारखंड के सभी जेलों में बंद कैदियों, सहित मिड डे मिल, आवासीय विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री का निर्देश है कि यह ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा. झारखंड स्टेट लाइवली हुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की सीईओ नैंसी सहाय ने लगातार न्यूज से बातचीत में कहा है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत विभाग ने इसकी शुरूआत की है. उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देश के बाद वैसे विभाग जहां घरेलू उत्पादों का उपयोग होता है, वहां पर पलाश ब्रांड से बने उत्पादों का इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसे विभागों में स्कूली शिक्षा, कल्याण और गृह विभाग प्रमुखता से शामिल हैं.
ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गये कृषि उत्पादों का ब्रांड है पलाश
बता दें कि राज्य की ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गये कृषि उत्पादों को पलाश ब्रांड नाम दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 29 सितंबर 2020 को इस ब्रांड को लांच किया था. सरकार का लक्ष्य अब इन ब्रांड को बाजार दिलाना है. इसके लिए राज्य सरकार उत्पादों को प्रोत्साहित कर रही है. लांच करने के दौरान सीएम हेमंत ने इसे झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने और उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का एक माध्यम बताया था.
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60 से अधिक तरह के बनाये जा रहे उत्पाद, लॉकडाउन में हुई थी काफी मांग
पलाश ब्रांड के तहत ग्रामीण क्षेत्र में सखी मण्डलों की महिला उद्यमियों द्वारा बिना पॉलिश किए चावल, दाल, रागी का आटा, सरसों का तेल, साबुन से लेकर शहद, मसाला, मास्क, सैनिटाइजर, हैंडवॉश आदि 60 से अधिक उत्पाद बनाये जा रहे हैं. महिलाओं दवारा बनाये जा रहे अन्य उत्पादों में अरहर दाल, सरसो तेल, आटा, मड़ुआ आटा, मकई आटा, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, शहद, इमली, चॉकलेट, लोबिया शामिल हैं. कोरोना काल में तो इन उत्पादों की मांग काफी देखी गयी थी. COVID-19 की दूसरी लहर और लॉकडाउन के समय विभाग ने “पलाश मार्ट मोबाइल ऐप” नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया था. एप्लिकेशन के द्वारा कई उपभोक्ताओं ने ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को अपने घर से ऑर्डर किया था.
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पॉलिसी के तहत शुरू होगा उत्पादों का सरकारी संस्थानों में उपयोग
नैंसी सहाय ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अभी एक मैंपिंग की जा रही है. वहीं कई विभागों के साथ बैठकें भी की गयी हैं. उत्पादों का इन विभागों में किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा, इस पर रिपोर्ट भी ली गयी है. रिपोर्ट में देखा जाएगा कि स्कूल, जेल में पलाश ब्रांड उत्पादों की आवश्यकता कितनी है और हमारी ग्रामीण महिला इसका कितना उत्पादन कर रही हैं. रिपोर्ट देखने के बाद इसे एक पॉलिसी की तरह लाया जाएगा, ताकि सरकारी कार्यालयों तक पलाश ब्रांड का उत्पाद सही तरीके से हो सके.