धनबाद : इस वर्ष दिसंबर महीने में संभावित पंचायत चुनाव एक बार फिर टल गया है. पंचायती राज मंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम और योजनाओं की शुरुआत को देखते हुए सरकार ने फिलहाल चुनाव टालने का निर्णय लिया है . राज्य सरकार की हरी झंडी नहीं मिलने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गयी. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि दिसंबर में संभावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायत और नगर निकाय चुनाव से पहले जनता के बीच कार्य कर अपनी छवि बनाना अधिक उचित समझा है. इस वजह से सरकार ने फिलहाल चुनाव टालने का निर्णय लिया है.
मुश्किल में राज्य निर्वाचन आयोग
राज्य सरकार की ओर से पंचायत और नगर निकाय चुनाव टालने पर राज्य निर्वाचन आयोग की मुश्किलें बढ गई हैं. जनवरी के प्रथम सप्ताह तक चुनाव की घोषणा नहीं की जाती है तो राज्य निर्वाचन आयोग को नए सिरे से मतदाता सूची का विखंडन करना होगा. प्रावधान के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग भारत निर्वाचन आयोग की ओर से हर वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी नए वोटर लिस्ट को ही आधार मानकर चुनाव संपन्न कराता है. भारत निर्वाचन आयोग अपने तय समय के अनुसार इन दिनों मतदाता सूची पुनरीक्षण करा रहा है, जिसका प्रकाशन हर वर्ष की तरह 2022 के जनवरी प्रथम सप्ताह में होगा. नयी मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को इसी आधार पर मतदान केंद्रों का भी गठन नए सिरे से कराना होगा, जिसमें प्रावधान के अनुसार अधिकतम 500 मतदाता होते हैं. झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होना था. पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली नहीं होना वजह बना फिर कोरोना के कारण चुनाव लटकता चला गया. ऐसे में सरकार पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अब तक दो बार एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है.
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