Hazaribagh: जिला कांग्रेस कार्यालय कृष्ण बल्लभ आश्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरू की 133वीं जयंती मनाई गई. उनकी जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने की. उन्होंने कहा कि नेहरू जी देश की करोड़ों जनता के हृदय सम्राट थे. नेहरू जी ने ऐशोआराम की जिंदगी न अपनाते हुए स्वाधीनता के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ जूझना स्वीकार किया. मोतीलाल नेहरू गांधीजी से कहकर उन्हें रोकना चाहते थे. लेकिन जवाहरलाल नेहरू को फूलों की सेज नहीं कठोर कारावास की कड़ी जमीन देश के लिए अधिक उपयुक्त लगी.
कहा कि प्रिय पत्नी का देहांत होने पर भी मन को कठोर कर नेहरू जी सत्याग्रह आंदोलन में कूद पड़े. 20 सुत्री कार्यक्रम के जिला उपाध्यक्ष जवाहरलाल सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस का अध्यक्ष पद अपने पिता के बाद स्वयं स्वीकार कर पूर्ण स्वराज्य की शपथ ली. उन्होंने स्वाधीन देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने के बाद देश को विश्व के चोटी के राष्ट्रों के मध्य ले जाकर प्रतिष्ठित किया. देश के चहुंमुखी विकास के लिए वे प्रयत्नशील रहे. विश्वशांति के लिए के लिए अद्वितीय कार्य कर नाम कमाया.
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इस अवसर पर पूर्व जिला अध्यक्ष विजय कुमार यादव, प्रदेश प्रतिनिधि शशि मोहन सिंह, शैलेन्द्र कुमार यादव, साजिद हुसैन, उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता निसार खान, बिनोद कुशवाहा, अजय कुमार गुप्ता, मिथिलेश दुबे, सुनिल कुमार ओझा, ओमप्रकाश झा, सलीम रजा, कृष्णदेव प्रसाद सिंह, जावेद इकबाल, तारिक रजा, ललितेश्वर प्रसाद चौधरी, सुधीर कुमार पाण्डेय, रीतलाल मंडल, कजरू साव, अब्बास अंसारी, तसलीम अंसारी, राम जन्म राय, विजय कुमार सिंह, शिव नंदन साहू, मकसुद आलम, मनोज नारायण भगत, उपेन्द्र कुमार राय, अरूण कुमार सिंह, अनिल कुमार उपाध्याय, उदय नारायण सिंह, अनिल वर्मा, सुनिल कुमार सिंह और रोहन ठाकुर मौजूद थे.
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