Saurav Singh
Ranchi : लातेहार जिले के सलैया जंगल में मंगलवार (28 सितंबर) सुरक्षाबलों की झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. इसमें एक नक्सली मारा गया. साथ ही बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गये. वे झारखंड जगुआर में सेवारत थे. मुठभेड़ में मारे गये उग्रवादियों के नाम सामने नहीं आये है. झारखंड के इतिहास में यह पहली घटना है.
जब जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के हुए मुठभेड़ में झारखंड पुलिस के जवान शहीद हुए है. कहा गया है कि जेजेएमपी के पप्पू लोहरा के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई है. इससे पहले लोहरदगा जिला में 18 जुलाई 2019 को मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में जेजेएमपी के तीन उग्रवादी मारे गये थे.
पहले जिस पप्पू लोहरा के साथ घूमते थे,अब उससे ही झारखंड पुलिस को लड़ना पड़ रहा है. जेजेएमपी संगठन कैसे बना. किसके संरक्षण में बना. किसके इशारे पर क्या-क्या काम किया. कई वर्षों तक उसे किसकी इजाजत से कुछ भी करने की छूट मिलती रही. यह सब जांच का विषय है. लेकिन आजतक इसकी जांच नहीं हो पायी है.
पहले जिस पप्पू लोहरा के साथ घूमते थे,अब उससे ही लड़ना पड़ रहा झारखंड पुलिस को
तीन साल पहले तक पुलिस के अधिकारी और जवान जिस जेजेएमपी के उग्रवादी के साथ जंगल में घूमते थे, अब ऐसा क्या हुआ कि उसी उग्रवादी के साथ पुलिस को मुठभेड़ करना पड़ रहा है. 16 दिसंबर 2018 को जंगल की एक फोटो वायरल हुआ था, जंगल में सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान थे और साथ में जेजेएमपी का वह उग्रवादी पप्पू लोहरा व सुशील उरांव भी था.
एक तथ्य यह भी था कि पप्पू लोहरा पर झारखंड पुलिस ने 10 लाख का और सुशील उरांव पर 05 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी है. फोटो सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कहा था, कि इस तस्वीर की जांच होगी. जांच हुई या नहीं. जांच हुई तो क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं हो पायी है.
पप्पू लोहरा ने दिया था बकोरिया कांड को अंजाम
02 जनवरी 2018 को जेजेएमपी के उग्रवादी गोपाल सिंह के एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो उग्रवादी संगठन टीपीसी के जन अदालत की था. जेजेएमपी के उग्रवादी गोपाल सिंह को पकड़कर टीपीसी के उग्रवादियों ने जन अदालत लगायी थी. जन अदालत में गोपाल सिंह ने बकोरिया कांड की पूरी कहानी को स्वीकार किया था. उसने कबूल किया था कि नक्सली अनुराग और 11 निर्दोष लोगों की हत्या जेजेएमपी के उग्रवादी पप्पु लोहरा ने की.
बाद में पुलिस पहुंची और मुठभेड़ की जिम्मेदारी ले ली. टीपीसी उग्रवादियों की जन अदालत से छूटने के बाद लातेहार पुलिस ने गोपाल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन सीआईडी ने बकोरिया कांड की जांच में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सली अनुराग समेत 12 लोगों के मारे जाने की घटना को सही करार दिया है. हाईकोर्ट के आदेश पर अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.