Balumath (Latehar): अरबिक कॉलेज, चतरा के प्राचार्य सह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ़्ती नज़र-ए-तौहीद ने कहा कि मुल्क की आज़ादी में मदरसों ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई है. मौजूदा दौर में देश की शिक्षा व्यवस्था में मदरसों का अहम रोल है. वे बालूमाथ स्थित मदरसा खैरुल उलूम में आयोजित खत्म-ए-कुरान सह तालिमि मुज़ाहिरा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मदरसा में पढ़ने वाले बच्चे दिनी व दुनियावी दोनों क्षेत्र में तरक़्क़ी करें इसके लिए मॉडर्न शिक्षा को अपनाना निहायत ज़रूरी है. तौहीद ने कहा कि बालूमाथ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. बस उन्हें उचित अवसर की तलाश है.
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छात्रों को किया गया पुरस्कृत
मुख्यअतिथि ने हाफीज होने वाले तीन बच्चों को कुरआन के आखिरी सुरा पढाकर कुरान मुकम्मल कराया. इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत ए कुरान पाक से की गई. मदरसा में तालीम हासिल कर रहे छात्रों ने बेहतरीन नातीया कलाम, तक़रीर, मुक़ालीमा उपस्थित समूह के समक्ष प्रस्तुत किया. इन गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को पुस्तक देकर पुरस्कृत किया गया. रांची से विशेष रूप से आये हुए शायर सुल्तान अकरम ने अपने नात से उपस्थित लोगों की खूब वाहवाही बटोरी. कार्यक्रम की सदारत मौलाना ज़ियाउल्ला व संचालन मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी ने किया. मौके पर मौलाना माज, मौलाना वसीम, मौलाना तौकीर आफंदी, मौलाना आबिद, मदरसा के शिक्षक मौलाना अताउल्लाह, कारी साजिद, मौलाना हाशिम, मौलाना साबिर, अन्जुमन सुबहानुल मुस्लिमीन के सदर हाजी शब्बीर, हाजी तौकीर समेत कई लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का समापन सामूहिक दुआ के साथ की गयी.
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