Dhanbad: धनबाद शहर के रणधीर वर्मा चौक पर मंगलवार को जिला अभिभावक संघ के बैनर तले मौन धरना दिया गया. इसमें झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 को लागू करने की मांग की गई.
निजी स्कूल संचालकों का मनोबल बढ़ा हुआ है
संघ के कैप्टन सहाय ने बताया कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 को वर्ष 2019 से लागू करना था. लेकिन झारखंड सरकार और अधिकारियों की शिक्षा के प्रति उदासीनता और लापरवाही से अधिनियम लागू नहीं हो पा रहा है. इससे निजी स्कूल संचालकों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. अभिभावकों व छात्रों का लगातार शोषण जारी है. इसे लेकर जिला अभिभावक संघ चरणबद्ध आंदोलन कर रही है. जिससे लोगों में जागरुकता लाया जा सके.
छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित ना किया जाय
संघ की मांग है कि मासिक शुल्क लेने को लेकर विगत वर्ष के आदेश का अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो. शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित ना किया जाय. संबंद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसा जाय, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो. साथ ही झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू हो.
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कहा कि शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण और पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो. निजी विद्यालयों की पिछले पांच साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करे. जो स्कूल सरप्लस में है, वहां विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगे और जिन स्कूलों के आर्थिक हालात खराब हैं उन्हें राहत पैकेज मिले. स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स और इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार प्रस्ताव पारित करे. स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो.
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