Ranchi ; रांची मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी. वर्ष 1963 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के निधन के बाद इसका नाम बदलकर राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (आरएमसीएच) कर दिया गया. करीब 214 एकड़ से भी ज्यादा भूमि में फैले इस अस्पताल के लिए 1958 में बिल्डिंग बनाने का काम प्रारंभ हुआ था. तत्कालीन दीवान कर्नल पितांबर नाथ ने जमीन की तलाश की थी. पिछले 63 सालों में रिम्स ने करीब 12 हजार से भी ज्यादा डॉक्टर देश को दिए हैं. रिम्स में 4 बेड से शुरू हुआ कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट अब 80 बेड तक पहुंच चुका है और यहां हार्ट की सर्जरी वर्ल्ड क्लास ऑपरेशन थिएटर में किया जा रहा है. यहां 200 से भी ज्यादा हार्ट के मरीजों की एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी हो रही है. वहीं रिम्स के सभी विभागों को मिलाकर कुल बेड की संख्या 2171 है. ट्रॉमा सेंटर में कुल 53 बेड हैं, जहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है. यहां रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाकर मरीज की गंभीरता के अनुसार इलाज किया जाता है. बिल्डिंग के तीसरे तल्ले पर तीन आईसीयू हैं, जिसे ए, बी और सी के हिसाब से बांटा गया है. वहीं ओपीडी में विभिन्न विभागों के डॉक्टर सुबह 9 बजे से 1 बजे और शाम 3 बजे से 5 बजे तक अपनी सेवा देते हैं.
रिम्स में इन विभागों का हो रहा है संचालन
एनाटोमी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी, प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन, ईएनटी, टीबी एंड चेस्ट, मेडिसिन, सर्जरी, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनीकोलॉजी, पीडियाट्रिक, एनेस्थीसियोलॉजी, रेडियोलॉजी ऑर्थोपेडिक्स, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, स्किन एसटीडी एंड लेप्रोसी, साइकेट्रिक, डेंटिस्ट्री, न्यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, रेडिएशन ऑंकोलॉजी, लैबोरेट्री मेडिसिन, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड बैंक, सेंट्रल इमरजेंसी, आई, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी, क्रिटिकल केयर ट्रॉमा एंड इमरजेंसी मेडिसिन, सर्जिकल आंकोलॉजी, नियोनेटोलॉजी, डर्मेटोलॉजी, न्यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, क्रिटिकल केयर, नेफ्रोलॉजी, सुपर स्पेशलिटी एनेस्थीसिया, ट्रॉमा एनेस्थीसिया, ट्रॉमा क्रिटिकल केयर, कार्डियक एनेस्थीसिया, इंटेंसिव केयर, रेडियोलॉजी ट्रॉमा, मेडिसिन ट्रॉमा, सर्जरी ट्रॉमा, ऑर्थोपेडिक, ट्रॉमा.
रिम्स में लाल कार्ड धारक की होती है निशुल्क जांच
रिम्स में भर्ती मरीजों के पास लाल कार्ड होने पर उनका पैथोलॉजी और रेडीयोलॉजी जांच भी निशुल्क किया जाता है. विभागाध्यक्ष के द्वारा पेपर पर एलाऊ फ्री लिखने के बाद किसी भी जांच के लिए पैसे का भुगतान नहीं करना पड़ता है. यहां सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी, ईसीजी, कलर डॉप्लर टेस्ट किया जाता है.