Patamda (Mithilesh Tiwari) : पटमदा प्रखंड के चौरा गांव में मां दुर्गा की पूजा गांव के भूमिज परिवार द्वारा निजी स्तर से करीब डेढ़ सौ साल से भी पहले से की जा रही है. इस गांव में महुलबना पंचायत का एक मात्र दुर्गा मंदिर है. इसमें महुलबना, धादकीडीह, चौरा, घाघरा, सुंदरपुर के हजारों ग्रामीण प्रतिमा का दर्शन करने इस मंदिर में पहुंचते हैं. मंदिर संस्थापक के वंशज रंजीकांत सिंह बताते हैं कि इस मंदिर में उनके पूर्वज मिट्टी के बने झोपड़ीनुमा मंदिर में माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर निजी स्तर पर पूजा करते थे. इसके बाद पारिवारिक स्थिति कमजोर होने और महंगाई बढ़ने के कारण ग्रामीणों के साथ बैठक कर करीब दो साल से सार्वजनिक रूप से ग्रामीणों के प्रयास और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पक्का मंदिर बनाकर पूजा किया जा रहा है.
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मंदिर में माता दुर्गा की पूजा में बलि प्रथा भी प्रचलित
इस मंदिर में माता दुर्गा की पूजा में बलि प्रथा भी प्रचलित है. इस मंदिर में एकादशी के दिन मेला सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस मेला के संचालन के लिए नए युवाओं की एक मंडली बनाई गई है. इसमें रजनीकांत सिंह, नंदलाल महतो, राजीव महतो, सहदेव महतो, कमलेश महती, सुधांशु महतो, नीलकंठ सिंह, रासमणि सिंह, अबनी सिंह, देवेन सिंह, मनिंद्र सिंह, भरत महतो, चंडीचरण महतो, महादेव महतो, संजय सिंह आदि शामिल हैं.
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