Patmada (Mithilesh Kumar tiwari) : जिस प्रकार चाकुलिया को धान के कटोरा के नाम से देश में विशेष पहचान मिली है. उसी तरह पटमदा भी की पहचान टमाटर की खेती रूप में हो रही है. पटमदा को भी लोग टमाटर की टोकरी के नाम से जानने लगे हैं. पटमदा के कुमीर पंचायत के स्थानीय टमाटर व्यापारी लीलू महतो बताते हैं कि पटमदा के टमाटर बाजार में पहुंच रहे हैं. बाजार में इस साल बाहर से टमाटर पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाया है.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर : 22 करोड़ की धोखाधड़ी में साकची पुलिस ने अनुप अग्रवाल को दबोचा
कोल्ड स्टोरेज शुरू नहीं होने से किसान नाराज
जिस कारण बाजार में थोक दस से बारह तो बाजार में 15 से 20 रूपये बिक रहा हैं. इस वर्ष किसानों को टमाटर का बिछड़ा तैयार करने के समय भारी बारिश कारण चारा बर्बाद हो गया था.जिस कारण पुनः लगाने से फल आने में देरी हो जाने से समय पर उत्पादन नहीं पहुंच पाया. किसानों का कहना भी है कि हर वर्ष टमाटर की अत्यधिक खेती होने से दर में कमी आने के कारण कई किसानों ने इस वर्ष टमाटर की खेती के स्थान पर अन्य वैकल्पिक खेती करके अच्छी कमाई करने का प्रयास किया है. पटमदा के प्रगतिशील किसान श्रीमंत मिश्रा बताते हैं कि पटमदा का टमाटर राज्य में एक विशेष पहचान रखता हैं. लेकिन किसानों में टमाटर की खेती करने के प्रति नाराजगी दिख रही हैं. इसका मुख्य कारण है पटमदा में टमाटर को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज का शुरू नही होना. यदि समय से सरकार कोल्ड स्टोरेज चालू करें तो किसान टमाटर और आलू के साथ अन्य सब्जियों की खेती कर अधिक मात्रा में अच्छी कमाई कर सकेंगे.
इसे भी पढ़ें :आदित्यपुर : साइकिल से भारत भ्रमण कर लौट रहा युवक सड़क दुर्घटना में घायल, गंभीर