Patna : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के कारण पूरे देश में सियासी भूचाल मचा गया है. मंत्री चंद्रशेखर को उनकी पार्टी का समर्थन मिल रहा है. वहीं सहयोगी पार्टी जेडीयू ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि शिक्षा मंत्री अपना बयान वापस लें. शिक्षा मंत्री के बयान की हम निंदा करते हैं. रामचरितमानस, कुरान, बाइबल पर हमें नहीं बोलना चाहिए. रामचरित मानस पर बोलने से समाज में असमंजस होगा.
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धार्मिक भावना से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता
अशोक चौधरी ने रामचरितमानस का दोहा पढ़ कर नसीहत देते हुआ कहा कि कहीं का चौपाई उठा कर कहीं नहीं रखा जा सकता है. चंद्रशेखर ने कहीं की चौपाई कहीं जोड़ दी है. धार्मिक भावना से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. हर घर में रामचरित मानस का पाठ होता है. घर-घर में राम की पूजा होती है. रामचरितमानस पर बोलने का मतलब है कि सनातन हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाना .
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तीन ग्रंथ समाज में नफरत फैलाते है
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कहा है कि तीन ग्रंथ समाज में नफरत फैलाते हैं. ये तीन ग्रंथ ‘मनुस्मृति’, ‘रामचरित मानस’ और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवरकर की बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ ने समाज में नफरत फैलायी है. मंत्री ने कहा कि नफरत हमारे देश को एक महान राष्ट्र नहीं बना सकती है, केवल प्रेम से ही देश को महान बना सकती है. यही कारण है कि लोगों ने अतीत में ‘मनुस्मृति’ को जलाया है. ‘मनुस्मृति’ ने समाज के 85 प्रतिशत लोगों को गाली दी है. इनके इस बायन के बाद सियासी भूचाल मच गया है.
राम और रामायण दोनों सत्य है
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि ऊंची मानसिकता के लोग ही इस तरीके का बयान दे सकते हैं. हम सब भगवान राम को पूजते हैं और उनके आदर्श की पूजा करते हैं. चंद्रशेखर को राम और रामायण के बारे में कोई जानकारी नहीं. राम और रामायण दोनों सत्य है.चंद्रशेखर का बयान निंदनीय है. रामायण पर अपशब्द कहकर उन्होंने अपनी पार्टी की विचारधारा को बताया है.
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