Ranchi : न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से ग्रसित बच्चों के लिए रांची के ऑर्किड हॉस्पिटल में इलाज की व्यवस्था होने जा रही है. वर्तमान में न्यूरोलॉजिकल समस्या से ग्रसित बच्चों के इलाज की सुविधा पूर्वी क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है. ऐसे में फोर्टिस हॉस्पिटल गुड़गांव के पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ आरके जैन पहली बार झारखंड में मेटाबोलिक डिसऑर्डर और सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित बच्चों का इलाज करेंगे. बुधवार को डॉ आरके जैन ने ऑर्किड हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से ग्रसित बच्चों का इलाज कर उन्हें उचित परामर्श दिया.
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बच्चों में डेवलपमेंट डिसऑर्डर के कारण होती हैं कई तरह की समस्याएं : डॉ आरके जैन
ऑर्किड अस्पताल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान डॉ आरके जैन ने कहा कि जिन बच्चों में डेवलपमेंट डिसऑर्डर जैसे हकलाने-तुतलाने की समस्या, मानसिक पीड़ा, मांसपेशियों की कमजोरी, लगातार सर में दर्द, बच्चों में मिर्गी की परेशानी, बच्चों में अत्यधिक चंचलता के अलावा ध्यान केंद्रित होने में समस्या होती है तो उन्हें इलाज की जरूरत है.
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शुरुआती स्टेज में बीमारी की पहचान होने पर इलाज संभव : डॉ पीके गुप्ता
ऑर्किड हॉस्पिटल के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि हमारा हमेशा से प्रयास रहा है कि झारखंड के लोगों को अपने बच्चों के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े. इसी उद्देश्य के लिए न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से ग्रसित बच्चों के इलाज की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि ऑर्किड हॉस्पिटल प्रबंधन ने डॉ आरके जैन को बच्चों के इलाज के लिए ऑर्किड हॉस्पिटल में बुलाया है. डॉ जैन महीने में एक बार यहां आकर बच्चों का इलाज करेंगे. डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि यदि अर्ली स्टेज में बीमारी की पहचान हो जाती है तो न्यूरोलॉजिकल समस्या से ग्रसित बच्चों का इलाज संभव है.
ये रहे मौजूद
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ऑर्किड हॉस्पिटल के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डॉ पीके गुप्ता, कंसल्टेंट पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ आरके जैन, कंसल्टेंट नयूरो फिजिशियन डॉ गोविंद माधव, कंसल्टेंट न्यूरो सर्जन डॉ विक्रम सिंह और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ अंजनी कुमार मौजूद थे.