Maithan : मैथन स्थित हिन्दी साहित्य परिषद में आज रविवार को डीवीसी पेंशनर समाज ने पेंशनर दिवस मनाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन डीवीसी के पूर्व डीजीएम रूद्र प्रताप सिंह ने किया. वहीं डीवीसी सीएसआर अधिकारी डॉ. कौशलेंद्र कुमार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए. स्वागत भाषण के दौरान डीवीसी के पूर्व अवर कार्मिक निदेशक द्वारिका प्रसाद ने कहा कि 17 दिसंबर को पूरे देश में पेंशनर दिवस के रूप में मनाया जाता है. पेंशन सिर्फ की गयी सेवा के लिए बख्शीश नहीं, बल्कि एक अधिकार है.
पेंशनरों का ख्याल रखना नियोजक का कर्तव्य
द्वारिका प्रसाद ने आगे कहा कि पेंशन वृद्धावस्था में निर्धनता से बचाये रखने का एक जरिया है. जब कर्मचारी शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक था तब उसने अपने नियोजक की इस आशा से सेवा की कि नियोजक भी जीवन के संध्या बेला में उसकी देखरेख करेगा. उन्होंने कहा कि नियोजक का भी कर्तव्य है कि वे अपने पेंशनरों का ख्याल रखें. ताकि वे सिर्फ जिंदा न रहे, बल्कि सुख से जीवन यापन कर सके.
योजना का उद्देश्य-आत्मसम्मान के साथ जीवनयापन कर पायें पेंशनर
मुख्य अतिथि डॉ. कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि पेंशन योजना का उद्देश्य यह है कि पेंशनर सभी प्रकार के अभावों से मुक्त होकर आत्मसम्मान के साथ जीवनयापन कर पायें. जैसा जीवन वो रिटायरमेंट से पहले जी रहे थे. मौके पर केपी महतो, एसके सिंह, श्रवण प्रसाद, विमल प्रसाद, जगन बैठा, एनके तांती, धीरेन महतो, पीसी तिवारी, स्वपन कुमार दत्ता, आरएस पांडेय, यूके भंडारी सहित दर्जनों पेंशनर उपस्थित रहे.