Vijay Kumar Gope
Ranchi : भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी की वजह से लोग कब डिप्रेशन के शिकार बन जाते हैं,उन्हें पता भी चल पा रहा है. पहले इस बीमारी के मरीज देश के महानगरों में ज्यादा होते थे . लेकिन अब झारखंड में भी इसके मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ रही है. कोविड के बाद से लगातार लोग डिप्रेशन के शिकार होते जा रहे हैं. रांची के कांके में मानसिक रोगियों का इलाज रिनपास और सीआइपी में होता है. रिनपास और सीआईपी दोनों में कोरोना काल से पहले प्रतिदिन 20-30 डिप्रेशन के मरीजों का इलाज किया जाता था, जो 2022 में बढ़कर 80-100 मरीज अपना इलाज करने आ रहे हैं.
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कोविड के बाद बढ़ी है डिप्रेशन मरीजों की संख्या : सिद्धार्थ सिन्हा
न्यूरो साइकाइट्रिस्ट डॉक्टर सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि झारखंड ही नहीं अन्य राज्यों में कोविड का व्यापक असर रहा, जिसके बाद से लोग डिप्रेशन के शिकार हुए. कई ने तो डिप्रेशन में आकर अपनी जान तक दे दी. कई लोग बीमार भी हुए ,जिसके कारण मनोरोग के मरीज बढ़े हैं. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड संकट के बाद डिप्रेशन से शिकार मरीजों में इजाफा हुआ है. प्रतिलाख लोगों में 28 प्रतिशत लोग डिप्रेशन के मरीज हैं, वहीं 25 प्रतिशत लोग एंग्जायटी डिसऑर्डर (घबरहाट ) से ग्रसित हैं. डॉक्टर सिद्धार्थ ने बताया कि वर्ष 2030 तक मानसिक बीमारियों के मरीज से विश्व में लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने आशंका है. मानसिक बीमारियों के मरीज आने वाले दिनों में डायबिटीज, हर्ट से संबंधित मरीजों से भी ज्यादा होंगे.
बीमारी होने की वजह
डॉक्टर ने बताया कि भागदौड़ और अपनी कैपेसिटी से अधिक करने की चाह में लोग अपने घर परिवार को भूल जाते हैं. लोग जरूरत से ज्यादा काम करते हैं, बाद में उनके प्रोफेशनल लाइफ में सबकुछ तो मिल जाता है. लेकिन असल जिंदगी में कुछ नहीं बचता है और वह व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है.वहीं बच्चों के ऊपर भी एग्जाम में बेहतर करने के लिए गार्जियन दबाव देते हैं, जिससे 12 -18 साल के बच्चे डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं.
बचाव के उपाय
लोग सबसे पहले बीमारी के लक्षण को समझें और मनोचिकित्सक के पास जाने से हिचकिचाए नहीं. लोग मनोचिकित्सक से मिलना अभिशाप मानते हैं और इलाज कराने से डरते हैं, क्योंकि लोगों के मन में यह धारणा रहती है कि एंटी डिप्रेशन दवा खाने से दुष्परिणाम हो सकते हैं. लेकिन दवा का ना के बराबर दुष्प्रभाव होता है. साथ ही इसके लिए रिनपास में काउंसिलिग भी करायी जाती है.
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