Dumka: झारखंड अब बालिग हो चुका है. राज्य गठन को 20 साल पूरे हो गये हैं. लेकिन आज भी सूबे के ग्रामीण इलाको में लोग पीने के पानी के लिये तरसते हैं. हालांकि गांवों में सरकारी चापकल जरूर हैं, लेकिन 10 से 15 मीनट तक चलाने के बाद भी ग्रामिणों को गंदा पानी ही मिलता है. ताजा मामला दुमका जिला के गोपीकांदर प्रखंड के कुशचिरा पंचायत के अन्तर्गत गुम्मा पहाड़ी गांव का है. जहां पहाड़िया,संताल और घटवार समुदाय के लोग रहते हैं. इस गांव में लगभग 200 परिवार हैं और इनकी संख्या हजार के करीब है. गांव चार टोलों में बंटा हुआ है. इन टोलों की बीच की दूरी आधा किलोमीटर से अधिक है. गुम्मापहाड़ी गांव में आज भी कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. गांव के सभी टोलों में पेयजल का घोर संकट है.
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ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम होने के बाद भी झरना और डोभा से बुझती है प्यास
गांव के पहाड़िया टोला में करीब 115 घर हैं. यहां सोलर ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम लगे होने के बाद भी ग्रामीण झरना और डोभा से अपनी प्यास बुझाते हैं. टोले में 4 चापाकल और एक कल्याण विभाग की ओर से लगया गया सोलर ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम भी है. लेकिन ये सब ग्रामीणों की प्यास बुझाने में सक्षम नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सोलर ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम से पहाड़िया टोला को प्रयाप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता.जाड़े के मौसम में सूर्य का प्रकाश ठीक से नहीं मिलने के कारण कम पानी निकलता है. इतना ही नहीं गेव के ज्यादातर चापाकल तीन वर्षों से खराब हैं.
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सोलर टंकी पर भी खींचतान
ग्रामीणों ने सोलर टंकी का बारे में बताया कि यहां एक और सोलर टंकी एवं नयी बोरिंग करवायी गयी थी. लेकिन उसे दुसरे प्रखंड से आये लोग यह कहकर ले गये कि यह दुसरे गांव का है. पहाड़िया टोला का एक हिस्सा जहां करीब 18 घर है. वहां भी लोग आधा किलोमीटर दूर से पानी ला कर अपनी प्यास बूझाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं यहां कोई चापाकल भी नहीं है. यहां के ग्रामीण सिचाई कुआं से ही अपनी प्यास बुझाते हैं. ग्रामीणों का कहना है है कि यहां कम से कम दो नया डीप बोरिंग कर चापाकल लगाया जाना चाहिए.
चापाकल से भी निकलता है गंदा पानी
गांव के घटवार (रॉय) टोला में करीब 21 घर है. यहां के विद्यालयों में लगे चापाकल को मिलाकर कुल तीन चापाकल हैं. जिनमें से सुनिल कुमार मरांडी के घर के सामने का चापाकल करीब एक वर्ष से खराब है, विधालय का चापाकल से बहुत देर बाद गंदा और कम पानी आता है, और मरांग हेम्ब्रोम के घर के सामने का चापाकल चार-पांच बाल्टी पानी देता है. उसके बाद चलाने से गन्दा पानी निकलता है.
संताल टोला में दो नये बोरिंग, लेकिन हैडल आज भी नहीं
गांव के संताल टोला में करीब 50 घर हैं. यहां आंगनबाड़ी को मिलाकर कुल 3 चापाकल हैं. जिसमें आंगनबाड़ी का चापाकल एक वर्ष से औऱ सोनोती मरांडी के घर के सामने का चापाकल तीन वर्ष से खराब है. वहीं इस इलाके में एक वर्ष पूर्व आंगनबाड़ी के सामने नया बोरिंग किया गया था लेकिन अब तक उसमे हैंडल, हैंड नहीं लगाया गया है.
पानी के अभाव में नहीं हो पाता शौचालय का उपयोग
बेड़ा टोला में लगे चापाकल ठीक है. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि प्रयाप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार द्वारा बनाया गये शौचालय का उपयोग भी नही किया जाता है. गन्दा और प्रदूषित पानी पीने से इलाके के लोगों बीमार भी ज्यादा पड़ते हैं.
एलबिना के नेतृत्व में ग्रामीणों ने उठायी थी आवाज
ग्रामीणों ने खराब चापाकल के मरम्मति के लिये जल सहिया एलबिना देवी के नेतृत्व में आवाज उठायी थी. ग्रामीणों ने मुखिया और प्रखंड विकास पदाधिकारी, गोपीकांदर को लिखित आवेदन भी दिये थे. लेकिन कई महीनों बीज जाने के बाद भी अबतक किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया. अब तक चापाकल का मरम्मति नही किया गया है . जल सहिया एलबिना के पूछने पर उन्हें कहा गया कि चापाकल मरम्मति के लिय फंड नहीं आया है.
उपायुक्त से चापाकल मरम्मत कराने की गुहार
ग्रामीणों ने दुमका के उपायुक्त से मांग किया है कि गांव के सभी चापाकल को जल्द मरम्मत करवाया जाए.साथ ही गांव के स्कूल की भी चापाकल को मरम्म्त करने का अपील की गयी है. ग्रामीणों ने उपायुक्त से सोलर ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम को बिजली से चलाने की व्यवस्था की मांग भी की है. उक्त फरियाद को लेकर लक्ष्मी देवी, देवी, एलबिना देवी,लखी देहरिन, बसंती गृहण, भवानंद देहरी, शीला देवी, भीम कुमार देहरी, राम मुर्मू,परमेश्वर टुडू,पाउल टुडू, होपनी हेम्ब्रोम,उषा मुर्मू, मकलू हेम्ब्रोम, सूनिल कुमार मरांडी, विनीता देवी, जागेश्वर देहरी, रंजन देहरी, रामनाथ गृह, अनीता देवी, सुमित्रा देवी, हेमंती देवी उपायुक्त के पास पहुंची थीं.
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