Ranchi: केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने झारखंड के पीएम आवास योजनाओं की समीक्षा की. बैठक में विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन, अपर सचिव सह नोडल पदाधिकारी रामकुमार सिन्हा, मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी, जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नैंसी सहाय मौजूद थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त शामिल थे.
समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि राज्य में 2016 से 2021 तक के लिए निर्धारित लक्ष्य 1200853 के विरुद्ध 1198783 आवासों को स्वीकृति प्रदान की गयी थी. जिसमें 2070 आवास वैसे लाभुकों के थे जो सरकारी भूमि पर 1985 के बाद से रह रहे थे. उन्हें 3 डिसमिल भूमि बंदोबस्त करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त हो गया है. मंत्रिपरिषद की स्वीकृति प्राप्त होने पर 903 लाभुकों के आवास को स्वीकृति दे दी जाएगी.
इसे भी पढ़ें- रिम्स : बेतरतीब तरीके से चालकों ने खड़े किये अपने वाहन, दीवार पर लिखा जुर्माना महज दिखावा
राज्य में 2016 से 21 के बीच स्वीकृत आवासों में से 982354 का काम पूरा हो गया है. वहीं 216429 लंबित आवासों को जनवरी 2022 तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है. गढ़वा, देवघर, चतरा, पलामू, रांची, लातेहार, गुमला और दुमका में आवास का निर्माण कम होने पर सचिव ने नाराजगी जाहिर की है. इन जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि विशेष योजना बनाकर आवासों को शीघ्र पूर्ण करें.
2021 में आवास प्लस के अंतर्गत कुल 403504 आवास का लक्ष्य केंद्र सरकार को प्राप्त हुआ है. जिसके विरुद्ध भारत सरकार द्वारा सीधे पंचायत स्तर पर 3 लाख 31 हजार 931 आवासों की स्वीकृति दी गई है. जिसमें कुल 513 आवास को पूर्ण किया गया गया है. भारत सरकार शेष 30981 आवासों को पंचायत स्तर पर शीघ्र आवंटित करेगी. आवास प्लस योजना के स्वीकृत आवासों को 100 दिन में आवास पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. गढ़वा पलामू, गोडडा, पाकुड़, लातेहार, चतरा,गुमला एवं साहिबगंज जिले द्वारा लक्ष्य के अनुरूप कम आवासों को स्वीकृति दी गई है. जिसपर विभाग ने नाराजगी जाहिर की है.