LagatarDesk : देश में पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गये हैं. ऑयल मार्केटिंग कंपनियां लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा कर रहे हैं. जिससे आम आदमी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. हालांकि इससे केंद्र और राज्य सरकार का खजाना खूब भरा है. पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के मुताबिक, 8 साल में पेट्रोल की कीमत 45 फीसदी बढ़ी है. वहीं डीजल की बात करें तो यह 8 साल में 75 फीसदी तक महंगा हुआ है.
8 साल में 41.18 रुपये बढ़े डीजल की कीमत
PPAC के मुताबिक, 1 अप्रैल 2014 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 72.26 रुपये थी. जो 8 साल बाद 11 अप्रैल 2022 को बढ़कर 105.41 रुपये हो गयी. इस तरह 8 साल में पेट्रोल 33.15 रुपये महंगा हुआ है. वहीं 2014 में डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी. जिसकी कीमत बढ़कर 96.67 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गयी है. 8 साल में डीजल की कीमत 41.18 रुपये बढ़ गयी.
सात साल में सरकार की कमाई 2,73,932 करोड़ बढ़ी
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर नजर डालें तो 8 सालों में इस पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की कमाई करीब चार गुना तक बढ़ गयी है. पीपीएसी के मुताबिक, 2014-15 में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी से 99,068 करोड़ रुपये कमाये थे. 2020-21 में सरकार ने एक्साइज ड्यूटी से 3.73 लाख करोड़ रुपये जुटाये. इस तरह सात साल में सरकार की कमाई 2,73,932 करोड़ बढ़ गयी. वहीं अप्रैल 2021 से सितंबर तक केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी से 1.70 लाख करोड़ रुपये कमा लिये.
अभी पेट्रोल पर 27.90 रुपये है एक्साइज ड्यूटी
केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में भी पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी. उस समय सरकार ने पेट्रोल पर प्रति लीटर पांच रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी. पेट्रोल पर फिलहाल 27.90 रुपये एक्सामइज ड्यूटी है और डीजल पर 21.80 रुपये है. बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 12 अप्रैल को लगातार छठें दिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि 22 मार्च से छह अप्रैल के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम 10 रुपये बढ़ चुके हैं.