NewDelhi : आज रविवार को फिर सरकारी तेल कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ा दिये. तेल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने संकेत दिये हैं कि अभी तेल के दामों में कोई कमी संभव नहीं है. बता दें कि तेल कंपनियों द्वारा ईंधन के दाम में बढ़ोतरी किये जाने के बाद आज दिल्ली में डीजल और पेट्रोल दोनों के दाम 35-35 पैसे बढ़ गये. दिल्ली में पेट्रोलका दाम 105.84 रुपए और डीजल का दाम 94.57 रुपए प्रति लीटर हो गया.
Today, the consumption of petrol & diesel is higher by 10-15% & 6-10% respectively compared to pre-COVID times. I’ll not go into the price issue. We continue to work towards the price stability: Union Petroleum & Natural Gas Minister Hardeep Singh Puri at an event in Delhi y’day pic.twitter.com/NwlABg5JhT
— ANI (@ANI) October 16, 2021
इसे भी पढ़ें : सुबह की न्यूज डायरी|17 अक्टूबर|पुलिस-ग्रामीण भिड़े, 6 घायल|कश्मीर में दो जवान शहीद|केन बम मिला|बारिश के आसार|समेत अन्य खबरें और वीडियो|
मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 111.77 रुपए
आर्थिक राजधानी मुंबई में भी ईंधन का दाम आसमान पर हैं मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 111.77 रुपए और एक लीटर डीजल 102.52 रुपए में मिल रहा है. यही हाल चेन्नई और कोलकाता का भी है. कोलकाता में पेट्रोल 106.43 रुपए प्रति लीटर और डीजल 97.68 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. चेन्नई में डीजल 98.92 रुपए और पेट्रोल 103.01 रुपए बिक रहा है.
ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इशारा कर दिया है कि फिलहाल तेल के दाम नहीं घटेंगे. शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना काल से पहले की तुलना में आज पेट्रोल और डीजल की खपत में क्रमशः 10-15% और 6-10% की वृद्धि हुई है. मैं कीमत पर नहीं जाऊंगा.कहा कि हम पेट्रोल और डीजल के दामों में स्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : केरल में बारिश से बाढ़ जैसे हालात, अब तक 18 की मौत की खबर, CM की सेना से मदद की गुहार
किसानों को अब डीएपी की कमी भी सता रही है
खबर है कि डीजल-पेट्रोल के बढ़ती कीमतों के बाद किसानों को अब डीएपी की कमी भी सता रही है. जानकारी के अनुसार किसानों को रबी फसल की बुवाई से पहले उचित मात्रा में डीएपी नहीं मिल पा रहा है. इस कारण किसान परेशान होकर खाद वितरण केंद्रों का चक्कर लगाने पविवश हो रहे हैं. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने की वजह से डीएपी की कमी हो गयी है. पिछले चार सालों की तुलना में इस साल अक्टूबर के शुरुआती दिनों में डीएपी समेत दूसरे खादों के स्टॉक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गये थे.
दरअसल स्टॉक में कमी होने की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में इजाफा है. जान लें कि भारत में इस साल आयातित डीएपी की कीमत 675-680 डॉलर प्रति टन है. जबकि यह कीमत पिछले साल सिर्फ 370 डॉलर थी.यही हाल दूसरे खादों का भी है है. यूरिया के दाम पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 280 डॉलर थे जो इस साल 660 डॉलर तक पहुंच गये हैं. अमोनिया की कीमत भी 230 डॉलर से 625 डॉलर पहुंच गयी है.