NewDelhi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को जानकारी दी कि 2047 तक भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के राजस्थान में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एजेंडे से संबंधित एक मामले में पहली चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट कल सोमवार को जयपुर में एनआईए की विशेष अदालत में दायर की गयी. एनआईए के अनुलार कोटा के मोहम्मद आसिफ उर्फ आसिफ और राजस्थान के बारां के सादिक सर्राफ के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 153ए और यूए(पी) अधिनियम की धारा 13, 17, 18, 18ए और 18बी के तहत चार्जशीट दाखिल की गयी है.
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आतंक-हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन जुटाना था उद्देश्य
एनआईए ने पीएफआई कैडरों द्वारा रची गयी आपराधिक साजिश की जांच के लिए सितंबर 2022 में मामला दर्ज किया था. पीएफआई का उद्देश्य 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के साथ मुस्लिम युवाओं को शस्त्र-प्रशिक्षण देना, उन्हें हथियारों और विस्फोटकों से निपटने का प्रशिक्षण देना और आतंक-हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन जुटाना था.
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आरोपी युवक पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं
आरोपी युवक पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं, जो हिंसक कृत्यों को अंजाम देने के लिए पीएफआई के लिए प्रभावशाली मुस्लिम युवकों की भर्ती में शामिल थे. वे हथियारों और विस्फोटकों से निपटने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने, पीएफआई कैडरों को हथियार उठाने के लिए उकसाने और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने में भी शामिल पाये गये.
मुस्लिम युवकों का ब्रेनवाश कर विश्वास दिलाया कि भारत में इस्लाम खतरे में है
चार्जशीट के अनुसार आरोपी सक्रिय रूप से भारत में विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे रहे थे और युवाओं को देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए हिंसक तरीकों का सहारा लेने के लिए प्रेरित कर रहे थे. आरोपी युवकों ने मुस्लिम युवकों का ब्रेनवाश कर उन्हें यह विश्वास दिलाया कि भारत में इस्लाम खतरे में है और इसलिए पीएफआई के कार्यकर्ताओं और समुदाय के लिए इस्लाम की रक्षा करने और 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए खुद को हथियारों के इस्तेमाल में प्रशिक्षित करना आवश्यक था. आरोपी हथियारों की खरीद के लिए जकात के नाम पर धन जमा कर रहे थे. साथ ही वे पीएफआई कैडरों के लिए हथियार और विस्फोटक प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे थे.