जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिल्ली में देंगे प्रजेंटेशन
Medininagar : पलामू जिले के अति सुदूरवर्ती क्षेत्र मनातू में पीवीटीजी पाठशाला के माध्यम से स्थानीय आदिम जनजाति के बच्चों की तस्वीर बदलती हुई दिखाई दे रही है. कभी ये बच्चे किताबों से कोसो दूर रहते थे, लेकिन आज ये बच्चे किताबों से दोस्ती कर शिक्षा की ओर अग्रसर हैं. जंगलों एवं कठिन भौगोलिक परिस्थिति में रहने वाले इन बच्चों में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से उड़ान परियोजना के अंतर्गत संचालित पीवीटीजी पाठशाला के माध्यम से शिक्षा का अलख जगाया जा रहा है. इसके जरिये बच्चों को स्कूल में दाखिला कराने, उनमें बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने तथा पढ़ने-लिखने की आदत और रुचि पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास का सकारात्मक परिणाम भी आये हैं, जिसका असर ये है कि वर्तमान में 411 बच्चे इस पाठशाला से जुड़कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. साथ ही समय-समय पर बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बनाए रखने के लिए पाठशाला किट का वितरण भी किया जाता है.
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बता दें कि विगत दिनों डीसी आंजनेयुलु दोड्डे ने जिले के कई सूदूरवर्ती क्षेत्र जैसे मनातू के कुंडिलपुर, करमा पाल्हे और रामगढ़ आदि का दौरा कर आदिम जनजाति के लोगों को मुख्य धारा में लाने का आश्वासन दिया था. जिसके मद्देनजर डीसी के निर्देश पर जेएसएलपीएस की ओर से उड़ान प्रोजेक्ट के तहत आदिम जनजाति के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए जिले के कई इलाके में पीवीटीजी पाठशाला का संचालन किया जा रहा है.
जिसका सुखद परिणाम यह रहा कि दिल्ली में प्रजेंटेशन के लिए पलामू का चयन किया गया है. जहां झारखंड की ओर से जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिल्ली में आगामी 18 व 19 मई को केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के समक्ष प्रजेंटेशन देंगे. पीवीटीजी पाठशाला के माध्यम से किये गए बेहतरीन प्रयास को राष्ट्रीय पटल पर रखा जाएगा.
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