Ranchi: वर्ष 2007-08 में झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है. प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2008 में मधु कोड़ा शासन काल में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने विधानसभा में 150 लोगों की नियुक्ति की थी. जिसमे भारी अनियमितता बरती गई है.
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प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार के मुताबिक, झारखंड विधानसभा में हुई नियुक्ति में अनियमितता की जांच के लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी. जांच में 20 ऐसे बिंदु हैं जो अनियमित पाई गई हैं, लेकिन अभी तक उसपर कोई अमल नही किया गया है. वहीं वर्ष 2019 में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने घूस लेने की कथित सीडी की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया गया था. लेकिन उसमें भी किसी तरह की कर्रवाई नही हो पाई है. अब मामला झारखंड हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है. जनहित याचिका में झारखंड के DGP, मंत्री आलमगीर आलम और CBI को पार्टी बनाया गया है.
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