Ranchi : पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को आठ दिनों की पूछताछ के बाद आज मंगलवार को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. साथ ही उसकी निशानदेही पर बरामद किये गये गोली व अन्य सामान भी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने दिनेश गोप को न्यायित हिरासत में भेज दिया. बताते चलें कि दिनेश गोप को 22 मई को एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया था. जहां कोर्ट ने उसे आठ दिनों की रिमांड पर भेज दिया था, जिसकी अवधि आज 30 मई को पूरी हो गयी. इस दौरान दिनेश गोप ने कई खुलासे किय हैं. वहीं उसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में गोली और बारूद भी बरामद किये गये हैं. (पढ़ें, लातेहार : दो लाख के इनामी JJMP के एरिया कमांडर रघुनाथ सिंह ने किया सरेंडर)
21 मई को गिरफ्तार हुआ था दिनेश गोप
एनआईए ने दिनेश गोप को बीते 21 मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. दिनेश गोप के खिलाफ 102 आपराधिक मामले दर्ज थे और उस पर 30 लाख रुपये का इनाम भी था. वह वर्तमान में एनआईए की हिरासत में है. जांच के दौरान दिनेश गोप की निशानदेही पर जंगल में छिपाये गये गोला-बारूद को एनआईए ने बरामद किया था. स्थान के पहचान के लिए दिनोश गोप ने एनआईए टीम का नेतृत्व किया. झारखंड के खूंटी जिला के दिनेश गोप को कुलदीप यादव और “बडकू” के नामों भी से जाना जाता है. इससे पहले एनआईए द्वारा पीएलएफआई के लोगों से 25.38 लाख रुपये के विमुद्रीकृत मुद्रा की वसूली से संबंधित मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था.
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संगठन बेरोजगार युवकों को लालच देकर जोड़ता था
एनआईए की जांच के अनुसार, पहले झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (जेएलटी) के रूप में जाना जाता था, पीएलएफआई झारखंड में सैकड़ों आपराधिक घटनाओं के लिए जिम्मेदार है,जिसमें कई हत्याएं की घटना शामिल हैं. पीएलएफआई संगठन बेरोजगार युवकों को मोटर बाइक, मोबाइल फोन और आसानी से पैसा मुहैया कराने का लालच देता था.जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है .
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