NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 को लेकर अहम चर्चा की. इस क्रम में हिल स्टेशनो, पर्यटन स्थलों पर उमड़ रही भीड़ को लेकर पीएम मोदी ने चिंता जताते हुए लोगों से सावधानी बरतने को कहा. प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों से चर्चा के क्रम में कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर पूर्वोत्तर के राज्य जिस तरह आगे बढ़ रहे हैं, वह बधाई के पात्र हैं. कहा कि जिन राज्यों में अभी कमी महसूस हो रही है, वहां पर भी इस पर ज़ोर दिया जाना चाहिए.
ये सही है कि कोरोना की वजह से टूरिज्म, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है।
लेकिन आज मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशंस में, मार्केट्स में बिना मास्क पहने, भारी भीड़ उमड़ना ठीक नहीं है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 13, 2021
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पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में मामले बढ़े हैं
पीएम मोदी का कहना था कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में मामले बढ़े हैं, ऐसे में सतर्क रहने की ज़रूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि कंटेनमेंट नीति पर जोर देकर ही सही एक्शन लिया जा सकता कहा कि हमें कोरोना के हर वैरिएंट पर नज़र रखनी होगी. कोरोना को बहरुपिया करार देते हुए कहा कि यह बार-बार अपना रंग बदलता है. इसी क्रम में कहा कि हिल स्टेशन पर जो भीड़ उमड़ रही है, वो चिंता का विषय है. यहां लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं.
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वैक्सीनेशन के मसले पर हर किसी की जागरुक करना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि लोग तर्क दे रहे हैं कि तीसरी लहर से पहले वो घूम रहे हैं, लेकिन तीसरी लहर खुद नहीं आयेगी उसे इसी तरह लाया जायेगा. वैक्सीनेशन के मसले पर हमें हर किसी की जागरुक करना होगा. जान लें कि पिछले एक सप्ताह में पूर्वोत्तर के राज्यों में कोरोना के मामले अचानक बढ़े हैं. खबर है कि हर पांच में से तीसरा ऐसा जिला जहां पॉजिटिविटी रेट दस फीसदी से ऊपर है, वह पूर्वोत्तर के राज्य का ही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 5 से 11 जुलाई के बीच देश में करीब 58 जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से अधिक था. इनमें से 37 जिले पूर्वोत्तर राज्यों के हैं.
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बड़ी संख्या में RT-PCR टेस्ट किये जायें
यही कारण था कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इन सभी राज्यों के सामने चिंता व्यक्त की गयी थी. केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को सलाह दी गयी है कि बड़ी संख्या में RT-PCR टेस्ट किये जायें. अभी इन राज्यों में बड़ी संख्या में सिर्फ एंटीजन टेस्टिंग ही की जा रही है, जिसे कम सटीक माना जाता है. बड़े राज्यों के मुकाबले संख्या के हिसाब से भले ही पूर्वोत्तर में मामले कुछ कम दिखते हो.
लेकिन यहां की जनसंख्या के हिसाब से मामले काफी अधिक हैं. साथ ही इन राज्यों के जिलों का पॉजिटिविटी रेट भी डराने वाला है, जो दूसरी लहर के खत्म ना होने और तीसरी लहर के आने के संकेत देता है. अगर देश के अन्य हिस्सों की बात करें तो अभी भी देश में चार लाख से अधिक एक्टिव केस की संख्या बनी हुई है. करीब दो राज्य ऐसे हैं, जहां एक्टिव केस की संख्या एक-एक लाख से अधिक है.