NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात में भ्रष्टाचार, बापू की शिक्षा, अमर जवान ज्योति, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, बाल पुरस्कार सहित अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री ने कहा, भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है, ऐसे में हमें अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए.
इस क्रम में कहा, जहां कर्तव्य सर्वोपरि होता है वहां भ्रष्टाचार नहीं रह सकता. पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए कहा, आज का दिन बापू की शिक्षा को याद करने का दिन है.
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देश तेजी से आगे बढ़ रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा, देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है. लेकिन उससे मुक्ति के लिए इंतजार क्यों करें. यह काम हम सभी देशवासियों को आज की युवा पीढ़ी को मिलकर करना है जल्द से जल्द करना है. इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दें. जहां कर्तव्य निभाने का एहसास होता है, कर्तव्य सर्वोपरि होता है वहां भ्रष्टाचार भी नहीं रह सकता.
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हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की झांकी देखी
वर्ष 2022 के पहले मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झाँकी देखी, उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश इन प्रयासों के जरिए अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को पुन: प्रतिष्ठित कर रहा है. मोदी ने कहा, हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप अमर जवान ज्योति और पास में ही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रज्ज्वलित ज्योति को एक किया गया जो यह एक भावुक पल था.
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महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार दिये गये
पीएम ने आगे कहा कि, देश में अभी पद्म सम्मान की भी घोषणा हुई है।. पद्म पुरस्कार पाने वाले में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये हमारे देश के अनाम हीरो हैं, जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किये हैं. पीएम मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की चर्चा करते हुए कहा कि, अमृत महोत्सव के आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिये गये. उनमें से एक है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार.
ये पुरस्कार उन बच्चों को मिले जिन्होंने छोटी सी उम्र में साहसिक और प्रेरणादायी काम किये हैं. मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव पर उन्हें ढेरों पत्र और संदेश मिलते हैं जिनमें कई सुझाव भी होते हैं और इसी श्रृंखला में उन्हें एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने अपने मन की बात पोस्टकार्ड के जरिए लिखकर भेजी है.