Ahmedabad : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को अनुसंधान एवं नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए समन्वित प्रयास करने का शनिवार को आह्वान किया और राज्य सरकारों से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिक नीतियां बनाने का आग्रह किया. मोदी ने कहा कि पश्चिमी देशों के उलट भारत अपने वैज्ञानिकों के कार्यों की पर्याप्त रूप से सराहना करने में नाकाम रहा, जिसके चलते समाज का एक बड़ा हिस्सा विज्ञान के प्रति उदासीन रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की सराहना करने की जरूरत है.
India’s Global Innovation Index ranking improved from 81 in 2015 to 46 at present due to Centre’s efforts: PM Modi
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— ANI Digital (@ani_digital) September 10, 2022
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2014 के बाद से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश काफी बढ़ा है
यहां आयोजित केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश काफी बढ़ा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस ‘अमृत काल’ में भारत को अनुसंधान और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न मोर्चों पर एकसाथ काम करना होगा.
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राज्य सरकारें अधिक से अधिक वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना पर जोर दें
हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने शोध को स्थानीय स्तर पर ले जाना है. यह समय की आवश्यकता है कि सभी राज्य स्थानीय समस्याओं के स्थानीय समाधान खोजने के लिए नवाचार पर जोर दें. उन्होंने राज्य सरकारों से स्थानीय समस्याओं के समाधान खोजने के लिए विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी से संबंधित आधुनिक नीतियां बनाने का आग्रह करते हुए वैज्ञानिकों के साथ और अधिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया. मोदी ने कहा, नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को अधिक से अधिक वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना पर जोर देना चाहिए.
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नवाचार प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए
राज्यों में उच्च शिक्षण संस्थानों में भी नवाचार प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग बेहतर होते हुए 46 हो गई है, जो 2015 में 81 थी. उन्होंने कहा कि वहनीय आवास, जलवायु अनुकूल फसलें और कचरा पुनर्चक्रण जैसे मुद्दों का स्थानीय स्तर पर समाधान तलाशने की जरूरत है. मोदी ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि इन सभी चुनौतियों से निपटा जाए, प्रत्येक राज्य को विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी से जुड़ी आधुनिक नीतियां बनानी चाहिए तथा उनका क्रियान्वयन करना चाहिए.
अपने वैज्ञानिकों के साथ अधिक सहयोग करना चाहिए
सरकार के तौर पर हमें अपने वैज्ञानिकों के साथ अधिक सहयोग करना चाहिए. यह देश में वैज्ञानिक आधुनिकता का माहौल बनाएगा.’ आज मेरा पहला अनुरोध यह है कि हम अपने देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की पूरे उत्साह के साथ सराहना करें.’’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार विज्ञान आधारित विकास के विचार के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि रिकार्ड संख्या में पेटेंट, नवाचार के अलावा स्टार्टअप के उभरने से यह प्रदर्शित हुआ है कि देश में चीजें कैसे तेजी से बदल रही हैं.
उन्होंने अति विशेषज्ञता’ का भी उल्लेख किया और कहा कि केंद्र वैश्विक स्तर की विशेषज्ञ प्रयोगशालाओं के विकास में राज्यों की मदद करने को तैयार है. मोदी ने कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है ऐसे में विज्ञान और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी उपस्थित थे.
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