Tokyo : पीएम मोदी ने क्वॉड शिखर सम्मेलन में 2-45 मिनट के भाषण में पूरी दुनिया को बड़ा संदेश दिया. मोदी ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में दुनिया की दो तिहाई आबादी को देखते हुए मित्रता, आपसी सहयोग, इंडो-पैसिफिक से लेकर कोविड-19 का जिक्र किया. बता दें कि क्वॉड अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया का समूह है. जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित क्वांड देशों की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को सख्त संदेश दिया.
Quad has made an important place for itself before the world in such a short span of time. Today, Quad’s scope has become extensive, its form effective. Our mutual trust, and our determination is giving new energy & enthusiasm to democratic powers: PM Modi at Quad Leaders’ Summit pic.twitter.com/MIa5UlUp8K
— ANI (@ANI) May 24, 2022
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चीन ने कहा था कि क्वाड का फेल होना तय है
पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड अच्छाई की ताकत के लिए बनाया गया संगठन है और यह हिंद प्रशांत क्षेत्र को बेहतर बना रहा है. कहा कि लोकतांत्रिक देशों के बीच आपसी विश्वास लोकतांत्रिक देशों को नयी ऊर्जा देगा. उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में क्वाड ने दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण जगह बना ली है. जान लें कि इससे पहले चीन इस शिखर सम्मेलन पर भड़क गया था और उसने कहा था कि क्वाड का फेल होना तय है.
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क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है
पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड ने विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है. आज क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है. क्वाड के स्तडर पर हमारे आपसी सहयोग से एक मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है, जो हमारा साझा उद्देश्य है. कोरोना की विपरीत स्थिति के बाद भी हमने कोरोना वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन सप्लाइ चेन और आर्थिक सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में समन्वय बढ़ाया है. इससे हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित हुई है. इससे क्वाड की स्थिति अच्छाई के लिए ताकत के रूप में और ज्यादा सुदृढ़ होती जायेगी.
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि टोक्यो में मित्रों के बीच होना खुशी की बात है. यहां यह ध्यान देना होगा कि वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस को लेकर तटस्थ नीति अपना रखी है. जान लें कि अमेरिका, जापान ने भारत पर रूस के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया लेकिन भारत अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ.
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दिल्ली रूस पर तटस्थ स्टैंड के बाद भी मित्रों को पूरा तवज्जो देता है
क्वॉड की बैठक में भारत का उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मिलना बताता है कि दिल्ली रूस पर तटस्थ स्टैंड के बाद भी अपने मित्रों को पूरा तवज्जो देता है. हाल के दिनों में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया देशों के साथ भारत के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. सभी देश आपस में कारोबार करने पर सहमत हैं.इस क्षेत्र में चीन के दबदबे को क्वॉड से सीधी चुनौती मिल रही है. चीन इससे बौखलाया हुआ है. क्वॉड के गठन के बाद से ये चारों देश लगातार ऐसे समझौते कर रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में चीन की पकड़ को ढीली की जा सके.
चीन क्वॉड को अपने खिलाफ साजिश बताता है. लेकिन पीएम मोदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मुक्त व्यापार की तरफ इशारा किया है. यानी इस इलाके में सभी देशों को व्यापार करने की खुली छूट होगी. चीन के लिए ये सख्त संदेश माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में क्वॉड कंस्ट्रक्टिव (रचनात्मक) एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहा है. इससे क्वॉड की छवि एक फोर्स फॉर गुड (Force For Good) के रूप में और भी सुदृढ़ होती जायेगी.