Guwahati : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम के डिब्रूगढ़ से 7 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया. बता दें कि असम में दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा कैंसर केयर नेटवर्क स्थापित किया गया है. आज पीएम ने अन्य कई प्रोजेक्ट की नींव रखी और उद्घाटन किया. इससे पहले असम पहुंचने पर पीएम मोदी का स्वागत मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने किया.
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— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) April 28, 2022
दीफू, कार्बी आंगलोंग में शांति, एकता और विकास रैली
प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में शांति, एकता और विकास रैली को संबोधित किया. साथ ही पीएम ने शिक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी. मोदी ने कहा, पिछले साल कार्बी आंगलोंग के कई संगठन शांति और विकास के संकल्प में शामिल हुए थे. बोडो समझौते ने 2020 में स्थायी शांति के लिए नये दरवाजे खोले.
Prime Minister Narendra Modi and Assam CM Himanta Biswa Sarma attend the ‘Peace, Unity and Development Rally’ at Diphu, Karbi Anglong district in Assam. pic.twitter.com/5EwWk0pnKE
— ANI (@ANI) April 28, 2022
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2014 के बाद नार्थ ईस्ट में मुश्किलें लगातार कम हो रही हैं
पीएम मोदी ने कहा. 2014 के बाद नार्थ ईस्ट में मुश्किलें लगातार कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है. असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था. उसको जमीन पर उतारने का काम आज तेज गति से चल रहा है. हथियार छोड़कर जो साथी राष्ट्र निर्माण के लिए लौटे हैं, उसके पुनर्वास के लिए भी बेहतर काम किया जा रहा है. आज जो शिलान्यास के कार्यक्रम हुए हैं, ये सिर्फ किसी इमारत का शिलान्यास नहीं है, ये यहां नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है.
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गरीब से गरीब व्यक्ति भी बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पायेगा
उच्च शिक्षा के लिए अब यहीं पर उचित व्यवस्था होने से अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पायेगा. ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंति भी मना रहे हैं. उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है.
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जनजातीय संस्कृति हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर
मोदी ने कहा-जनजातीय समाज की संस्कृति, यहां की भाषा, खान-पान, कला, हस्तशिल्प, ये सभी हिंदुस्तान की समृद्ध धरोहर है. असम तो इस मामले में और भी समृद्ध है. यही सांस्कृतिक धरोहर भारत को जोड़ती है, एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव को मज़बूती देती है. जल जीवन मिशन के शुरु होने से पहले तक यहां 2 प्रतिशत से कम गांवों के घरों में पाइप से पानी पहुंचता था.
अब 40 प्रतिशत परिवारों तक पाइप से पानी पहुंच चुका है. बोडो अकॉर्ड हो या फिर कार्बी आंगलोंग का समझौता, लोकल सेल्फ गवर्नेंस पर हमने बहुत बल दिया है. 7-8 साल से निरन्तर प्रयास रहा है कि स्थानीय शासन की संस्थाओं को सशक्त किया जाये, अधिक पारदर्शी बनाया जाये.
हथियार डालकर नौजवान परिवार के पास लौट रहे हैं
आज मैं जब हथियार डालकर जंगल से लौटते नौजवानों को अपने परिवार के पास वापस लौटते हुए देखता हूं और मैं जब उन माताओं की आंखों की खुशी महसूस करता हूं. तो मुझे आशीर्वाद की अनुभूति होती है. नॉर्थ ईस्ट में सरकार और समाज के सामुहिक प्रयासों से जैसे-जैसे शांति लौट रही है, वैसे-वैसे पुराने नियमों में भी बदलाव किया जा रहा है.
अब स्थायी शांति और बेहतर कानून व्यवस्था
पिछले 8 सालों के दौरान स्थायी शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है. आज पूरा देश ये देख रहा है कि बीते सालों में हिंसा, अराजकता और अविश्वास की दशकों पुरानी समस्याओं का कैसे समाधान किया जा रहा है. पहले जब इस क्षेत्र की चर्चा होती थी, तो कभी बम और कभी गोली की आवाज सुनाई देती थी. लेकिन आज तालियां गूंज रही हैं. कार्बी आंगलोंग या दूसरे जनजातीय क्षेत्रों में हम विकास और विश्वास की नीति पर ही काम कर रहे हैं