एक समाज में एआई के नुकसान और डीपफेक के खतरों का हवाला देते हुए बताया कि उनकी आवाज का भी दुरुपयोग हो सकता है और इसके जरिए लोगों को धोखा दिया जा सकता है, उन्हें गुमराह किया जा सकता है
New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसे तीन क्षेत्र हैं जिनमें प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है. माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और विभिन्न परमार्थ कार्यों से जुड़े बिल गेट्स के साथ बातचीत के क्रम में पीएम मोदी ने कहा कि वह दुनिया में डिजिटल विभाजन की बात सुनते थे और उन्होंने फैसला किया है कि भारत में ऐसा नहीं होने देंगे.
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#WATCH | After their interaction, Bill Gates presents a few nutrition books to PM Modi as gifts.
PM Modi gifts him ‘Vocal for Local’ gift hampers. pic.twitter.com/JYGj10BzU1
— ANI (@ANI) March 29, 2024
VIDEO | PM Modi (@narendramodi) interacts with Microsoft co-founder and philanthropist Bill Gates (@BillGates).
“What are some of the technological advancements you are most excited about?” Bill Gates asks PM Modi.
“Health, agriculture and education. I have built 2 lakh Arogya… pic.twitter.com/k562vqYaxf
— Press Trust of India (@PTI_News) March 29, 2024
हम डिजिटल बुनियादी ढांचे को गांवों तक लेकर जायेंगे
उन्होंने कहा, मैं डिजिटल विभाजन नहीं होने दूंगा, हम डिजिटल बुनियादी ढांचे को गांवों तक लेकर जायेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सर्विकल कैंसर के लिए कम से कम लागत में टीका विकसित करने के लिहाज से स्थानीय स्तर पर अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों को निधि आवंटित करना चाहती है और मेरी नयी सरकार विशेष रूप से सभी लड़कियों के टीकाकरण के लिए काम करेगी. मोदी पिछले कई दिनों से अपने संबोधनों में यह विश्वास जताते रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद वह तीसरी बार सरकार बनायेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक ढांचा जरूरी है.
मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन बच्चों जैसी जिज्ञासा है
इस पर गेट्स ने कहा कि भारत इस दिशा में बढ़ रहा है. मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर कहा कि दुनिया को विकास को परिभाषित करने के लिए बिजली या इस्पात के उपयोग जैसे मापदंडों को बदलने की जरूरत है क्योंकि ये जलवायु विरोधी हैं और इसके बजाय हरित जीडीपी और हरित रोजगार जैसी शब्दावली को अपनाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, मैं प्रौद्योगिकी के प्रति आकर्षित रहता हूं, मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन इसके प्रति बच्चों जैसी जिज्ञासा है.
मोदी ने एआई के गलत हाथों में जाने के खतरों के प्रति आगाह किया
पीएम मोदी अकुशल और अप्रशिक्षित हाथों में कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी शक्तिशाली प्रौद्योगिकी के जाने और इसके दुरुपयोग के खतरे के प्रति आगाह किया. समाज में गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित नुकसान पर अंकुश लगाने के लिए एआई-जनित सामग्री के लिए क्या करें, क्या न करें..पर मोदी ने विस्तार से बात की. बताया कि कैसे भारत ने अपने नागरिकों के हित में प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रिकरण किया है, जीवन में सुधार के लिए डिजिटल की शक्ति को अपनाया है.
उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि देश चौथी औद्योगिक क्रांति में उल्लेखनीय प्रगति करेगा, जिसके मूल में डिजिटल है. एक समाज में एआई के नुकसान और डीपफेक के खतरों का हवाला देते हुए उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि उनकी आवाज का भी दुरुपयोग हो सकता है और इसके जरिए लोगों को धोखा दिया जा सकता है, उन्हें गुमराह किया जा सकता है, जिससे व्यापक हंगामा हो सकता है.