Kannur : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों की उपस्थिति में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करना भाजपा के राजनीतिक लाभ के लिएधार्मिक भावनाओं का घोर दुरुपयोग है. येचुरी ने आज शुक्रवार को यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान स्पष्ट रूप से धर्मनिरपेक्षता को परिभाषित करता है जिसके तहत धर्म राजनीति और राज्य से अलग है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | On Pran Pratishtha of the Ram Temple in Ayodhya, CPI (M) General Secretary Sitaram Yechury says, “I’ve not told anybody anything so far. Nripendra Mishra was escorted by a VHP leader who came and gave me the invitation…Religion is a personal choice of every… pic.twitter.com/tfwkQe5Xsw
— ANI (@ANI) December 26, 2023
यह संविधान या उच्चतम न्यायालय के फैसलों के अनुरूप नहीं है
उन्होंने कहा कि मंदिर का उद्घाटन खुले तौर पर धर्म के राजनीतिकरण को दर्शाता है, जो संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है. येचुरी ने कहा, “यहां, भारत के प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और संवैधानिक पदों पर बैठे अन्य लोगों की उपस्थिति में इस समारोह का उद्घाटन किया जायेगा. हमें लगता है कि यह उनके (भाजपा के) राजनीतिक उद्देश्य के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं का घोर दुरुपयोग है. यह धर्म का खुला राजनीतिकरण है जो संविधान या उच्चतम न्यायालय के फैसलों के अनुरूप नहीं है. माकपा नेता ने कहा कि इस राजनीतिकरण का मुकाबला करने की रणनीति धर्मनिरपेक्षता का सख्ती से पालन है.
नरम भगवा दृष्टिकोण अपनाकर धार्मिक कट्टरवाद का मुकाबला नहीं कर सकते
उन्होंने कहा,आप नरम हिंदुत्व या नरम भगवा दृष्टिकोण अपनाकर धार्मिक कट्टरवाद का मुकाबला नहीं कर सकते….येचुरी ने अर्थव्यवस्था की कथित विफलता सहित विभिन्न मुद्दों पर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला किया. मोबाइल फोन की निगरानी के संबंध में ऐप्पल कंपनी की अधिसूचना के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “यह एक निगरानी राज्य है जहां हर चीज पर नजर रखी जा रही है. यहां तक कि बातचीत पर भी. उन्होंने भाजपा के ‘जीवंत अर्थव्यवस्था के दावे को खारिज कर दिया और इसे प्रचार करार दिया. उन्होंने कहा, जहां तक लोगों की बात है, आजीविका के लिहाज से पिछले 10 साल सबसे खराब हैं.
बेरोजगारी चरम पर है, यह सरकार आंकड़ों में काफी हेराफेरी कर रही है
बेरोजगारी चरम पर है. यह सरकार आंकड़ों में काफी हेराफेरी कर रही है. और अब उन्होंने अवैतनिक श्रम के रोजगार के लिए नयी श्रेणी जोड़ी है. उन्होंने कहा, जहां तक उद्योग का सवाल है, घरेलू मांग की कमी के कारण यह बढ़ने में असमर्थ है. लोगों के पास पैसा या क्रय शक्ति नहीं है. ज्यादातर भारतीय लोगों के लिए, उनकी वास्तविक क्रय शक्ति घट रही है. जब कोई मांग नहीं है तो कोई भविष्य का निवेश नहीं है.