Satya Sharan Mishra
Ranchi : झारखंड में 2022 में राजनीतिक माहौल सालों भर गर्म रहा. विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बयानों के तीर चलते रहे. पूरे साल प्रदेश में प्रमुख राजनीतिक दल और उनके कई नेता सुर्खियों में रहे. कुछ की किस्मत चमकी, तो कुछ की परेशानी बढ़ी. 8 नेताओं ने अपने बयानों से भी सुर्खियां बटोरी, जबकि 3 नेता जेल जाकर चर्चा में आये. 2 सीटिंग विधायकों ने अपनी विधायकी खोकर और तीन नेताओं ने चुनाव जीतकर सुर्खियां बटोरी.
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राज्यपाल : झारखंड में कहीं एकाध एटम बम फट न जाये
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले को लेकर राज्यपाल रमेश बैस 2022 में चर्चा में रहे. राजनीतिक दलों के नेताओं का इस राज खूब राजभवन दौरा भी हुआ. चुनाव आयोग के लिफाफे को लेकर जब सबकी निगाहें राजभवन की तरफ टिकी थी, उसी वक्त राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ में कह दिया कि ‘दिल्ली में पटाखों पर बैन है, लेकिन झारखंड में पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है. अब हो सकता है कि कहीं एकाध एटम बम फट जाए.’
मुख्यमंत्री : चुन-चुन कर सबक सिखाया जाएगा
सीएम हेमंत सोरेन के लिए साल 2022 सुखद अनुभव लेकर नहीं आया. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। खनन घोटाले में ईडी ने पूछताछ के लिए भी बुला लिया. इस दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं का रांची में जमावड़ा लग गया. सीएम हाउस बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधत करते हुए सीएम ने कहा दिया, ‘भाजपा ने जो धरना-प्रदर्शन बुलाया है, उसमें जाने वाले लोगों को चिन्हित करें. वक्त आने पर सबको चुन-चुनकर सबक सिखाया जाएगा.’
बंधु तिर्की : भाजपा कार्यकर्ताओं को पटक-पटक कर मारो
मांडर से विधायक और पूर्व मंत्री रहे बंधु तिर्की अपने विवादास्पद बयान को लेकर चर्चा में रहे. मुख्यमंत्री को ईडी का समन भेजे जाने के खिलाफ विपक्ष राजभवन के सामने धरना-प्रदर्शन कर रहा था. इसी दौरान बंधु तिर्की ने कहा दिया, ‘कार्यकर्ता भाजपा के काले कारनामों को जनता के बीच रखें। अगर जरूरत पड़े तो बीजेपी के कार्यकर्ताओं को पटक-पटक कर भी मारें.’
मिथिलेश ठाकुर : …तो टांग तोड़ देंगे
बंधु तिर्की की तरह ही मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने टांग तोड़ने वाली बयान से सुर्खियां बटोरी. 7 नवंबर को राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में बाधक बनने वालों को हम खदेड़ने का काम करेंगे और उसके बावजूद भी नहीं माने तो हम उनकी टांग तोड़ देंगे.
लोबिन हेंब्रम : हेमंत ने राज्य की मिट्टी को दागदार कर दिया है
झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम भी अपने बयानों से सुर्खियों में रहे. स्थानीय और नियोजन नीति को लेकर उन्होंने सड़क से सदन तक अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बजट सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर वे फूट-फूटकर रोये और कह दिया कि ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मिट्टी को दागदार किया है. इस मिट्टी पर दाग लग गया है. यहां के युवा ही इसको मिटायेंगे.’
सत्येंद्र नाथ तिवारी : सीएम की अंतिम यात्रा है
गढ़वा के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर दिये गये बयान पर सुर्खियों में रहे. कहा कि ‘मुख्यमंत्री किस चीज की बधाई लेते चल रहे हैं. अभी तक 1932 के खतियान का नियोजन नीति ही नहीं बनी है. इनकी यात्रा या अंतिम यात्रा है, क्योंकि सरकार बहुत जल्द जाने वाली है. जैसे कुछ लोग मरने से पूर्व में ही अपना श्राद्ध कर लेते हैं, उसी तरह झारखंड सरकार भी अपना श्राद्ध करने की शुरुआत कर रही है.’
निशिकांत दुबे : संसद में सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक बयान
बाकी नेताओं ने तो सड़क पर विवादित बयान दिये, लेकिन गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे संसद में बोलते-बोलते रौ में बह गये और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. हालांकि बाद में इस बयान को लोकसभा की प्रोसिडिंग से हटा दिया गया है.
प्रदीप यादव : विधानसभा में निशिकांत के खिलाफ की गलतबयानी
निशिकांत दुबे के संसद में हेमंत सोरेन के खिलाफ दिये गये बयान के विरोध में विधानसभा में भी खूब हंगामा हुआ. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक प्रदीप यादव ने जानबूझ कर निशिकांत दुबे के खिलाफ बेहद शर्मनाक टिप्पणी की.
चुनाव जीतकर चर्चा में आये आदित्य, महुआ और शिल्पी
2022 में झारखंड में तीन नेता चुनाव जीतकर चर्चा में आए. इनमें भाजपा के आदित्य साहू, झामुमो की महुआ माजी और कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हैं. झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज थी. भाजपा और झामुमो से कई बड़े नेता दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने आदित्य साहू और झामुमो ने महुआ माजी को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया. उधर बिना किसी राजनीतिक अनुभव के मांडर उपचुनाव में खड़ी कांग्रेस की प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की ने देवकुमार धान और गंगोत्री कुजूर जैसे अनुभवी नेताओं को पटकनी देकर सबको आश्चर्य में डाल दिया.
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इरफान, राजेश और कोंगाड़ी ने जेल जाकर बटोरी सुर्खियां
कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी जेल जाकर सुर्खियों में आए. जब राज्य में सरकार संकट के दौर से गुजर रही, उस वक्त ये तीनों विधायक 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल में करीब 50 लाख रुपये कैश के साथ पकड़े गये. इनपर सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगा.
विधायकी खोकर चर्चा में आए बंधु तिर्की और ममता देवी
कांग्रेस के दो विधायक अपनी विधायकी खोकर 2022 में चर्चा में आए. इनमें पहले मांडर के पूर्व विधायक बंधु तिर्की हैं और दूसरी कांग्रेस की ममता देवी हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट तीन साल की जेल और 3 लाख जुर्माना की सजा सुनाई. इसके बाद उनकी विधानसभा सद्स्यता रद्द हो गई. वहीं 13 दिसंबर को कांग्रेस विधायक को रामगढ़ के गोला में 2016 में हुए दंगे और हत्या के आरोप 5 साल की सजा सुनाई गई और उनकी सदस्यता उसी दिन से खत्म हो गई.
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