Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां विकास की किरण नहीं पहुंची है. इन्हीं में एक पोटका प्रखंड का सिदाडीह गांव है. यह मानपुर पंचायत अन्तर्गत आता है. उक्त गांव आदिवासी बहुल गांव है. इसे आज तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है. इसके कारण यहां सरकार की विकास योजनाएं नहीं पहुंची हैं. ग्रामीण सड़क, नाली, पीएम आवास, शौचालय आदि मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव के मांझी बाबा जीतेन मुर्मू ने बताया कि सिदाडीह गांव में लगभग 100 घर हैं. आबादी करीब 500 है. लोगों को वोट देने का अधिकार है.
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लेकिन सरकार की जनकल्याणकारी योजना लागू करने की बात पर कहा जाता है, कि यह गांव राजस्व ग्राम घोषित नहीं है. इसके कारण वहां योजनाएं नहीं दी जा सकती. गांव के लोग वर्षों से सिदाडीह को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी सर्वे नहीं होने की बात कहकर मामले को टाल देते हैं. झामुमो नेता सह पूर्व मुखिया पलटन मुर्मू ने बताया कि उपायुक्त के अवकाश पर होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. इस मामले को लेकर ग्रामीण एडीसी प्रदीप प्रसाद से मिले. एडीसी ने कहा कि राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया काफी जटिल है. पहले गांव का सर्वे कराया जाएगा. नक्शा बनेगा. उसके बाद अभिलेख में उसे दर्ज किया जाएगा. तभी वह राजस्व ग्राम घोषित होगा. प्रतिनिधिमंडल में पीथो हेम्ब्रम, कन्हैया हांसदा, सोमाय मुर्मू, होपा सोरेन आदि शामिल थे.