Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका अंचल में स्टेट हाईवे बनाने के लिए जमीन देने वाले ग्रामीणों को चार वर्षों बाद भी मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने ग्रामीणों से कोवाली से लाइलम, कोवाली से डुमरिया और बेगनाडीह सड़क बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की थी. उक्त सड़क बन चुकी है, लेकिन वर्ष 2017 से जमीन मालिक मुआवजा लेने सरकारी कार्यालय नहीं जा रहे हैं. मुआवजा सही व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता रवीन्द्र गागराई लगातार प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने उत्तरी पोटका के पूर्व जिला पार्षद करूणामय मंडल को मुआवजा नहीं लेने वाले जमीन मालिकों की सूची सौंपी है. पूर्व पार्षद जमीन मालिकों को मुआवजा लेने के लिए सरकारी कार्यालय जाने को प्रेरित करेंगे. पूर्व पार्षद ने शुक्रवार को आधा दर्जन गांवों का दौरा कर ग्राम प्रधान और मुआवजा नहीं लेने वाले ग्रामीणों से मुलाकात कर बैठक की.
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पूर्व पार्षद ने बताया कि दक्षिण पोटका जिला परिषद क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाले सुफल भालकी, बेगनाडीह, कोवाली, उपरडीह, निश्चिन्तपुर आदि गांवों के किसानों ने स्टेट हाईवे बनाने के लिए 2017 में राज्य सरकार को अपनी जमीनें दी थीं. तब से उनका मुआवजा बकाया है. करूणामय मंडल ने बताया कि यह मामला ग्रामीणों की ढिलाई के कारण लंबित है. अब भूमि सुधार उप समाहर्ता रवीन्द्र गागराई ने इसका जल्द निपटारा का निर्णय लिया है. अगले सप्ताह सभी भू-स्वामी जिला मुख्यालय जाकर कागजात सौंपेंगे. बैठक में ग्राम प्रधान जय गोपाल पांडा, पीयूष मंडल, शशांक मंडल, प्रभाकर महाकुड़, नित्यानन्द मंडल, मुनि राम बास्के, बबलू मंडल, गोविन्द महतो आदि उपस्थित थे.