New Delhi : जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली कटौती से कारखाने सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के चलते देश के कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है. बिजली संयंत्रों में कम उत्पादन के बीच राज्य भारी मांग को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं.
दिल्ली मेट्रो और अस्पतालों तक को बिजली संकट
राजधानी दिल्ली में बिजली संकट बढ़ सकता है. गुरुवार को दिल्ली सरकार ने कहा है कि दादरी-नेशनल कैपिटल पावर स्टेशन और फिरोज गांधी ऊंचाहार थर्मल पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. इससे इमरजेंसी सेवाओं तक को निर्बाध बिजली आपूर्ति पर संकट खड़ा हो गया है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली मेट्रो, अस्पतालों और दूसरी कई आवश्यक सेवाओं को आने वाले वक्त में 24 घंटे बिजली आपूर्ति में समस्या हो सकती है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसको लेकर केंद्र सरकार को एक पत्र भी लिखा है. जैन ने केंद्र से इस मसले को लेकर समीक्षा बैठक बुलाने और पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है.
बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक
देश में मार्च में रिकॉर्ड गर्मी के बाद अप्रैल में भी अत्यधिक गर्मी जारी है. ऐसे में बिजली की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. देश में बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है. यह आंकड़ा मार्च में कुल बिजली की कमी से अधिक है. इस संकट के केंद्र में कोयले की कमी है. देश में कोयले से 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है. सरकार दावा कर रही है कि मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है, लेकिन बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार नौ वर्षों में सबसे कम हैं.
कोयले के आयात में गिरावट
इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी के साथ कोयले के आयात में गिरावट आई है. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने कहा कि देशभर के ताप संयंत्र कोयले की कमी से जूझ रहे हैं, जो देश में बिजली संकट का संकेत है.
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