Bermo : बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट क्षमता वाले ए प्लांट में ट्यूब लीकेज के कारण बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है. उत्पादन बंद होने से पहले प्लांट 491 मेगावाट क्षमता के साथ बिजली उत्पादन कर रहा था. बताया जाता है कि प्लांट के बॉयलर एरिया में ट्यूब लिकेज के अलावे एक हैवी ट्रांसफर्मर में र्स्पाकिंग के कारण बिजली उत्पादन बंद है. स्थानीय प्रबंधन नेशनल ग्रिड से बिजली लेकर प्लांट और कॉलोनियों में आपूर्ति कर रहा है.
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बैराज गेट की मरम्मत अब तक नहीं हुई
30 जुलाई को मुसलाधार बारिश के कारण डीवीसी बोकारो थर्मल बैराज के चार फाटक टूट गये हैं. पहले ही कहा जा रहा थी कि गेट की मरम्मत के लिए पानी का निकलना जरूरी है, तभी गेट की मरम्मत हो सकती है. बोकारो-कोनार नदी में बने डीवीसी का यह बैराज फाटक है. 1991-92 में तत्कालीन मुख्य अभियंता बीपी सिंह के कार्यकाल में भी बैराज के 19 फाटक मुसलाधार बारिश से खराब हो गये थे , जिसके कारण नदी का पूरा पानी बह गया था. उन दिनों दोनों ए और बी प्लांट से बिजली उत्पादन ठप हो गया था. स्थिति अभी ऐसी है कि बैराज के फाटक बनाने वाले स्थानीय कामगार ज्ञान सिंह, आरएन सिंह, बनवारी सिंह, लक्खी राम, सोमर गोप, सोहहन सिंह और जसवंत सिंह मथारू सेवानिवृत हो गए हैं. ऐसे में मैथन से विशेषज्ञ आने के बाद ही फाटक का काम शुरू होगा.
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डीवीसी की बिजली कहां-कहां जाती है :
डीवीसी से उत्पादित बिजली बंग्लादेश के अलावे मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, झारखंड, दिल्ली डिस्कॉम्स, पश्चिम बंगाल को ट्रांसमिशन ग्रिड लाइन से आपूर्ति की जाती है. इसके अलावे रेलवे, सीसीएल, बीसीसीएल, सेल, टाटा स्टील, जिंदल स्टील कंपनी, सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों सहित छोटे-बड़े कल-कारखानों को भी बिजली आपूर्ति की जाती है. बांग्लादेश को 300 मेगावाट बिजली प्रतिदिन दी जाती है. इधर, बीटीपीएस के प्रोजेक्ट हेड अभिमन्यु प्रसाद सिंह कहते हैं कि प्लांट के बॉयलर में ट्यूब लिकेज के अलावे एक ट्रांस्फर्मर में खराबी हो जाने के कारण बिजली उत्पादन बंद है. वहीं मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है.