Saraikela: सरकार गांव के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने का दावा करती है, लेकिन स्थिति कुछ और है. मामला आदिवासीबहुल जिला सरायकेला से है. इस जिले में अफसरों की मिलीभगत से सीएससी सेंटर संचालक मनमानी करने में लगे हैं. इससे बुजुर्गों को परेशानी हो रही है.
दरअसल कुछ प्रज्ञा केंद्र संचालक ग्रामीण क्षेत्र में सीएससी (प्रज्ञा केंद्र) एलॉट करवाकर शहरी क्षेत्रों में इसका संचालन कर रहे हैं. जो कि नहीं होना चाहिए. इसकी जानकारी तब हुई जब कोरोना संक्रमण के कारण ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए गूगल मीट के जरिए मंगलवार को डीसी मीट का आयोजन किया गया.
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एक सेंटर पर ताला लगा था
इसके लिए प्रज्ञा केंद्र में वीएलइ के माध्यम से डीसी मीट का समय दोपहर के दो से तीन बजे रखा गया. इस दौरान जब बुजुर्ग ग्रामीण आदित्यपुर थाना क्षेत्र स्थित गम्हरिया ब्लॉक के पास सुदर्शन सिंह के सेंटर पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला. सुदर्शन सिंह ने कहा कि छोटा गम्हरिया पंचायत में डीसी मीट का आयोजन किया गया था.
एक प्रज्ञा केंद्र का मामला नहीं है
भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रश्मि साहू ने इस पर कहा कि यह सिर्फ एक प्रज्ञा केंद्र का मामला नहीं है. कई जगह ऐसा हो रहा है. गम्हरिया प्रखंड के ही दुग्धा पंचायत के लोगों को अपने गांव से लगभग पांच किलोमीटर दूर आदित्यपुर में राजेश कुमार पंडित के सेंटर जानी पड़ी. इस पर संचालक ने कहा कि दुग्धा पंचायत भवन में नेटवर्क नहीं मिल पाता है. इस कारण यह समस्या है.