Kolkata : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का नाम पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में शामिल होने की खबर है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नजर डालें तो प्रशांत किशोर 159-भवानीपुर से मतदाता है. सभी जानते हैं कि भवानीपुर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट है और वह यहां से उपचुनाव भी लड़ रही हैं. पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में सीएम ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से ही उम्मीदवार हैं. प्रशांत किशोर के भवानीपुर से मतदाता बनने पर राजनीतिक गलियारों में कयास लग रहे हैं कि ममता उन्हें राज्यसभा भेजेगी.
অবশেষে @PrashantKishor ভবানীপুরের ভোটার!!
বাংলার মেয়ে কি তবে বহিরাগত ভোটার চায়!!@AITCofficial @KunalGhoshAgain জানতে চায় রাজ্যের মানুষ pic.twitter.com/E3sTW8oqsg— সপ্তর্ষি চৌধুরী • Saptarshi Chowdhury (@saptarshiOFC) September 25, 2021
भाजपा नेता ने शेयर की वोटर लिस्ट
आखिरकार प्रशांत किशोर भवानीपुर के मतदाता बन गये. क्या बंगाल की बेटी अब बहिरगातो (बाहरी) मतदाता के पक्ष में है या नहीं. पश्चिम बंगाल भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी सप्तर्षि चौधरी ने वोटर लिस्ट की फोटो ट्वीट करते हुए यह लिखा. टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष को टैग करते हुए उन्होंने लिखा, प्रदेश की जनता जानना चाहती है.
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टीएमसी ने चुप्पी साध रखी है
प्रशांत किशोर के भवानीपुर से मतदाता बनने पर सियासी गलियारों में पूछा जा रहा है कि क्या अब तृणमूल कांग्रेस प्रशांत किशोर को पश्चिम बंगाल की भवानीपुर से राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है? यह सवाल इसलिए भी क्योंकि प्रशांत किशोर टीएमसी के सलाहकार भी रहे हैं. हालांकि इस पर टीएमसी ने चुप्पी साध रखी है. टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा कि अगर कोई राज्यसभा चुनाव में शामिल होना चाहता है तो जरूरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो.
क्या उनका नाम बिहार की लिस्ट से हट गया है?
सौगत रॉय ने कहा, प्रशांत किशोर के भवानीपुर से मतदाता बनने पर कहा, मैं देखता हूं कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. वह एक भारतीय नागरिक हैं और किसी भी राज्य के वोटर बन सकते हैं. दूसरी बात यह है कि अगर कोई राज्यसभा का चुनाव लड़ना चाहता है तो जरुरी है कि वो उस राज्य का वोटर हो.
मैं उनकी योजना के बारे में नहीं जानता. प्रशांत किशोर बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. अब पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा में उनका नाम एक वोटर के तौर पर दर्ज होने के बाद भाजपा ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग को इस बात की जांच करनी चाहिए कि क्या उनका नाम बिहार की लिस्ट से हट गया है?