Nagpur : राहुल गांधी को अपनी भारत जोड़ो यात्रा गुजरात या फिर भाजपा शासित राज्य जैसे उत्तरप्रदेश या एमपी से शुरू करनी चाहिए थी. इससे यात्रा का असर जोरदार होता और कांग्रेस को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने की ताकत मिल सकती थी. चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने यह बात नागपुर में कही. जानकारी के अनुसार विदर्भ को अलग स्टेट बनाने के मुद्दे को लेकर प्रशांत किशोर नागपुर पहुंचे थे.
कहा कि चुनावी राज्यों से राहुल गांधी अपनी यात्रा शुरू करते तो उसका परिणाम कुछ और ही देखने को मिलता. PK के अनुसार इससे भाजपा को सीधे तौर पर चुनौती दी जा सकती थी और राहुल गांधी को अपने दम पर खड़े होने में कामयाबी मिलती.
इसे भी पढ़ें : मदरसों के बाद वक्फ संपत्तियां रडार पर, होगी जांच, योगी सरकार ने 33 साल पुराना आदेश रद्द किया
राहुल ने सात सितंबर से यात्रा तमिलनाडु से शुरू की है
बता दें कि राहुल गांधी ने सात सितंबर से यात्रा तमिलनाडु से शुरू की है. यात्रा अभी दक्षिण के राज्यों में जारी है. राजनीतिक हलको में कहा जा रहा है कि यात्रा शुरू करने का उद्देश्य सीधे तौर पर भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को जोरदार तरीके से खड़ा करने का है. लेकिन प्रशांत की सोच इससे इतर है. वे मानते हैं कि दक्षिण के राज्यों में जोर देने से कांग्रेस को बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिलने जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : UN में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने सही कहा था, यह युद्ध का समय नहीं
उस समय प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें आम थीं
कुछ माह पीछे जायें तो उस समय प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें आम थीं. इस सिलसिले में वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कई दौर की मुलाकात कर चुके थे. जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर ने उन्हें कांग्रेस के भविष्य को लेकर अपनी रणनीति भी समझाई. लेकिन आखिरी समय में दोनों ओर से अपने कदम पीछे खींच लिये गये. कांग्रेस के एक धड़े को रास नहीं आया कि पीके कांग्रेस में किसी कद्दावर जगह पर बैठकर उनके ऊपर हुकूमत करें.
जो प्रशांत चाहते थे वो कांग्रेस उन्हें देने को तैयार नहीं थी
उनके विरोध के कराण सोनिया गांधी ने उनकी वीआईपी एंट्री पर रोक लगा दी. जो प्रशांत चाहते थे वो कांग्रेस उन्हें देने को तैयार नहीं थी. उसके बाद उनके कांग्रेस से जुड़ने की खबर पर ब्रेक लग गया. जहां तक वर्तमान की बात है तो प्रशांत किशोर बिहार की सियासत में अपने पैर जमाने की कवायद में जुट गये हैं.