Ranchi : पलामू जिले में नावा बाजार थाने के पूर्व थानेदार लालजी यादव आत्महत्या मामले में सीआईडी ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है. जांच पूरी करने के बाद सीआईडी ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सोमवार को पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. सीआईडी के डीएसपी जेपीएन चौधरी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम को एडीजी सीआईडी ने 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. सीआईडी टीम की प्रारंभिक जांच में केवल यही पता चल सका है कि दारोगा लालजी यादव ने तनाव में आकर खुदकुशी की. दारोगा के तनाव का कारण क्या था, यह उनके मोबाइल का काल डिटेल व विस्तृत जांच से ही पता चल पायेगा. सीआइडी टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में लिखा है कि खुदकुशी की तिथि से पांच दिन पहले तक लालजी यादव ने किससे- किससे क्या बातचीत की, इसका विस्तृत अनुसंधान आवश्यक है. बातचीत के बाद ही यह पता चल सकेगा कि दारोगा को आखिर किस बात का तनाव था.
डीएसपी जेपीएन चौधरी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम पलामू गयी थी
लालजी यादव आत्महत्या मामले में बीते 20 जनवरी को दंडाधिकारी राकेश श्रीवास्तव की मौजूदगी में सीआईडी टीम के सदस्यों ने नावाबाजार थाना जाकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और मौजूद पुलिसकर्मियों से पूछताछ की थी. इस दौरान पुलिसकर्मियों के बयान लिया गया था. बताया जा रहा है कि सीआईडी के डीएसपी जेपीएन चौधरी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम पलामू पहुंची थी और इस मामले में पड़ताल की थी.
परिजनों ने की है सीबीआई जांच की मांग
पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने डीटीओ अनवर हुसैन से दुर्व्यवहार करने के आरोप में लालजी यादव को निलंबित कर दिया था. जिसके बाद वो रांची से नावाबाजार थाना लौटे और आत्महत्या कर ली. अगले दिन सुबह सूचना मिलते ही विरोध में ग्रामीणों ने नावा बाजार थाना के पास मेदिनीनगर- औरंगाबाद मुख्य सड़क को जाम कर दिया था. इस दौरान पलामू एसपी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की जाने लगी थी. परिजनों ने इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. इधर, सीआईडी इस मामले की जांच में जुटी है.
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