Ranchi: भाकपा माले ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार य़शवंत सिन्हा को समर्थन देने फैसला किया है. भाकपा माले राज्य कमिटी की रांची में दो दिवसीय बैठक चल रही है. माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी देश में लोकतंत्र खत्म करना चाहती है और देश को बर्बाद करने पर तुली हुई है. राष्ट्रपति चुनाव के पीछे भाजपा का खतरनाक मंसूबा है. राष्ट्रपति पद के लिये आदिवासी उम्मीदवार का नाम सामने लाकर अपने खतरनाक मंसूबे को पूरा करना चाहती है.
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उन्होंने कहा कि बीजेपी की लोकतंत्र विरोधी और फांसीवादी मुहिम को रोकने के लिए माले ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन करने का फैसला लिया है. दीपांकर ने झामुमो से भी अपील की है कि संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन दें.
वहीं तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए दीपांकर ने कहा कि भाजपा सरकार जान बूझकर तीस्ता सीतलवाड़ को परेशान करने की नियत से गिरफ्तार किया है. तीस्ता की गिरफ्तारी मोदी सरकार की फांसीवादी चेहरे को दिखाता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सचिव मनोज भगत एवं विधायक विनोद सिंह मौजूद रहे.
कौन है सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़
बता दें कि सीतलवाड़ के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और कानूनी प्रक्रिया के अपमान का नया केस दर्ज किया गया है. गुजरात दंगा मामले में फर्जी सबूत गढ़कर पीएम मोदी व अन्य को क्लीन चिट देने को चुनौती देने के मामले में गुजरात पुलिस ने पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया है. तीस्ता को गुजरात एटीएस ने शनिवार को मुंबई से हिरासत में लेने के बाद अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया.
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जकिया जाफरी के साथ सह याचिकाकर्ता थी तीस्ता
सीतलवाड़ के खिलाफ ताजा कार्रवाई गुजरात दंगा मामले में एसआईटी जांच को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद की गई है. एसआईटी ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीनचिट दी थी. इसके खिलाफ जकिया जाफरी व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी. तीस्ता सीतलवाड़ ‘सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस’ की सचिव हैं. उनके खिलाफ झूठे तथ्यों और दस्तावेजों को गढ़ने की साजिश रचने, गवाहों को गुमराह करने, लोगों को फंसाने के लिए झूठे सबूत गढ़कर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का भी आरोप है. तीस्ता और उनका एनजीओ दंगों में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी के साथ सह याचिकाकर्ता थी.