Ranchi : झारखंड में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन एवं सामाजिक अंकेक्षण की बारीकियों को समझने बिहार सरकार के वरीय अधिकारी झारखंड पहुचे. बिहार सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव ने झारखंड राज्य के मनरेगा मॉडल को समझने के लिए झारखंड आये हैं. ग्रामीण विकास विभाग एवं मनरेगा आयुक्त के साथ बैठक कर योजना के कार्यान्वयन की जानकारी ली. प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार ने झारखंड में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन एवं सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया, नवाचार और सामुदायिक भागीदारी के विभिन्न आयामों के विषय में विचार विमर्श किया.
झारखंड के नवाचारों से अवगत कराया
झारखंड राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और मनरेगा आयुक्त ने संयुक्त रूप से सोशल ऑडिट यूनिट, झारखंड के राज्य स्तरीय विशेषज्ञों ने विषय वार झारखंड के नवाचारों से अवगत कराया. सामजिक अंकेक्षण प्रक्रिया में प्रशासकीय और वित्तीय सहयोग और स्वतंत्रता की बारीकियों को बताने का प्रयास किया. मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी को बताया कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया सहभागी, निष्पक्ष और प्रभावी हो और इससे ग्राम सभा को निर्णय लेने और अनुशंसा करने में आसानी हो.
झारखंड मॉडल की प्रशंसा की
प्रधान सचिव ,ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार अरविन्द चौधरी ने इस संबंध में समाचार पत्रों में खबरों के प्रकाशन को भी एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए इन प्रयोगों को जन भागीदारी और निष्पक्षता के लिए उपयुक्त एवं आवश्यक बताया तथा मनरेगा योजना के सफल क्रियान्वयन झारखंड मॉडल की प्रशंसा की.
झारखंड आज अग्रणी राज्यों की कतार में
ज्ञात हो कि सामाजिक अंकेक्षण के क्षेत्र में तीन साल में किये गए प्रयोगों और विभिन्न योजनाओं में इसके फैलाव और प्रभाव के कारण झारखंड आज अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा है. असम, छत्तीसगढ़, बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से टीमों ने झारखंड का भ्रमण कर सीखने की कोशिश की है.
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